सूरत को गारमेंट हब बनाने की दिशा में अहम कदम: CMAI और IDT ने आयोजित किया विशेष गारमेंट कॉन्क्लेव

उद्योग के दिग्गजों ने साझा किए अनुभव, सूरत के कपड़ा निर्माताओं को गारमेंट सेक्टर में उतरने का आह्वान

सूरत को गारमेंट हब बनाने की दिशा में अहम कदम: CMAI और IDT ने आयोजित किया विशेष गारमेंट कॉन्क्लेव

सूरत। वर्षों से टेक्सटाइल हब के रूप में विख्यात सूरत शहर अब गारमेंट सेक्टर में भी अपनी पहचान बनाने को तैयार है। इसी उद्देश्य के साथ, क्लॉथिंग मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (CMAI) और इंटरनेशनल डिज़ाइनिंग एंड टेक्नोलॉजी (IDT) ने सूरत के डुमस स्थित अवध यूटोपिया में एक विशेष गारमेंट कॉन्क्लेव और फैशनोवा-2025 का सफल आयोजन किया।

IDT की अंकिता गोयल ने इस कार्यक्रम के पीछे के मुख्य उद्देश्य को स्पष्ट करते हुए कहा, "हमारा मुख्य लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि आने वाले समय में सूरत को गारमेंट हब के रूप में भी जाना जाए।" उन्होंने जोर दिया कि वर्तमान में गारमेंट सेक्टर में सबसे ज़्यादा मुनाफा और वृद्धि देखी जा रही है, और यह सूरत के लिए इस उभरते व्यवसाय में कदम रखने का सही समय है।

यह कॉन्क्लेव CMAI गुजरात रीजन के चेयरमैन डॉ. अजय भट्टाचार्य की विचारधारा पर आधारित था, जिसमें IDT के संस्थापक निदेशक अनुपम गोयल और अशोक गोयल भी शामिल थे। इस कॉन्क्लेव का मुख्य उद्देश्य सूरत के उन कपड़ा निर्माताओं को मार्गदर्शन प्रदान करना और उनमें जागरूकता पैदा करना था, जो वर्षों से कपड़ा बना रहे हैं, लेकिन गारमेंटिंग में पूरी ताकत से आने में चुनौतियों का सामना कर रहे हैं।

कॉन्क्लेव के पहले सत्र में गुजरात सरकार के नरेश बबूता ने सरकार द्वारा लागू की जाने वाली नीतियों पर विस्तार से चर्चा की। इसके बाद सिडबी के प्रतिनिधियों ने MSME उद्योगों को लोन देकर विकास कैसे लाया जाए इस पर जानकारी दी। बिल फाइनेंसिंग की ओर से बिलमार्ट के अशोक मित्तल (MD, CEO) ने गारमेंटिंग विषय पर एक विस्तृत सत्र लिया, जिसमें प्रतिभागियों के साथ सवाल-जवाब का सत्र भी हुआ।

दूसरे सत्र को और भी प्रेरणादायक बनाने के लिए, CMAI और IDT ने देश के शीर्ष ब्रांडों के प्रतिनिधियों और मालिकों को आमंत्रित किया। इनमें पैंटालून से नमित श्रीवास्तव, फैशन डिजाइनर निवेदिता साहू, पेपरमिंट से संतोष कटारिया, सोच से मनोहर सेतलानी, जेड-ब्लू से जितेंद्र चौहान और वेस्ट साइड से दीपक आहूजा, तथा आदित्य बिड़ला फैशन से मधुकर शर्मा जैसे दिग्गज शामिल थे।

इन सभी वक्ताओं ने बताया कि कैसे उन्होंने छोटे स्तर से शुरुआत कर अपने ब्रांड को देश के शीर्ष ब्रांडों में स्थापित किया है। दिलचस्प बात यह है कि इन सभी के देश-विदेश में आउटलेट हैं और ये निर्यात भी करते हैं, तथा अपने कपड़ों के लिए सूरत से ही फैब्रिक खरीदते हैं।

यह बात जोर देकर कही गई कि सूरत को गारमेंट सेक्टर में सफल होने के लिए सही समय को पहचानना होगा और गरिमा के साथ इस क्षेत्र में प्रवेश करना होगा। कार्यक्रम का मूल उद्देश्य सूरत के व्यापारी भाइयों को यह समझाना था कि वे अपने द्वारा बनाए जा रहे फैब्रिक को सीधे गारमेंट के रूप में बाजार में उतारकर और उसे एक ब्रांड का रूप देकर अपने व्यवसाय को बढ़ा सकते हैं और बड़ा मुनाफा कमा सकते हैं।