सूरत : हीरा दलाल ने नकली हीरा और नकली प्रमाणपत्र देकर की एक युवक को ठगने की कोशिश, ऐसे खुला मामला

सच्चाई सामने आने पर भागने की कोशिश में था ठग, लोगों ने पकड़ के पुलिस के हवाले किया

सूरत के महिधरपुरा हीरा बाजार में हीरा दलाल को फर्जी जीआईए सर्टिफिकेट व फर्जी हीरो देकर 50 हजार की ठगी करके का मामला सामने आया। इस मामले में ठगी करने वाला व्यक्ति को पकड़ा गया है। हुआ ऐसा कि नकली हीरे को असली और बिनकट वाला बताकर पैसे ऐंठने की योजना बनाने वाले ठग के सामने ही दलाल हीरों को जांचने लगा।  अपना भेद खुल जाने के भय से ठग वहां से भागने की फिराक में था लेकिन उस भागते हुए ठग को लोगों ने पकड़ लिया। उससे पूछताछ में पता चला कि तुषार सोनानी, जो पहले स्पेयर जीआईए सर्टिफिकेट घोटाले में पकड़ा गया था, ने उसे हीरो और सर्टिफिकेट दिया था।


पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार  मोहित विपिनकुमार पाड़िया अपने दोस्त देवेनभाई के माध्यम से 29 वर्षीय भरत असललिया के संपर्क में आया। भरत सूरत के अड़ाजन में रहता है और महिधरपुरा हीरा बाजार में हीरा दलाल का काम करता है। उसने मोहित को जीआई प्रमाण पत्र के साथ अलग-अलग हीरे दिखाए। इनमें से मोहित ने एक कैरेट हीरा चुना जो प्राकृतिक और बिना किसी प्रक्रिया के था। इन दोनों के बीच 6.80 लाख में सौदा तय हुआ। मोहित ने भरत को अग्रिम राशि के रूप में 50 हजार दिए। इसके बाद मोहित हीरे के साथ सीवीडी चेक नामक एक दुकान पर गया। जहां जांच में पता चला कि ये कोई प्राकृतिक नहीं बल्कि संसाधित किया गया हीरा था और घटिया गुणवत्ते वाले इस हीरे की कीमतलगभग 30 हजार थी। भरत की हकीकत जैसे ही सामने आई तो वो भागने लगा। मोहित ने ये देख शोर मचाना शुरू कर दिया जिससे इसी बीच लोगों ने भरत को पकड़ लिया।


इसके बाद महिधरपुरा थाने ले जाकर पूछताछ करने पर ठग भरत ने बताया कि एक साल पहले काजल जीआईए सर्टिफिकेट घोटाले में पकड़े गए तुषार सोनाली ने उसे हीरा और जीआईए सर्टिफिकेट दिया था, जिसमें जीआईए सर्टिफिकेट नंबर खुदा था। फर्जी सर्टिफिकेट और फर्जी हीरो मोहित ने बाद में महिधरपुरा थाने में धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कराई थी।
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