सूरत : विधानसभा चुनाव से पहले आदिवासी मतदारों पर आम आदमी पार्टी की नजर

सूरत : विधानसभा चुनाव से पहले आदिवासी मतदारों पर आम आदमी पार्टी की नजर

आप में शामिल हुए आदिवासी कार्यकर्ता, बोले- अब तक हमारा वोट बैंक के तौर पर इस्तेमाल किया जाता रहा

गुजरात विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं। इसी तरह, हर राजनीतिक दल मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए संघर्ष कर रहा है। आदिवासी मतदाताओं को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए आम आदमी पार्टी ने आदिवासी आंदोलनकारियों को अपने साथ जोडऩे का प्रयास किया है। 

हम आपके साथ हैं क्योंकि केजरीवाल हमारे संवैधानिक अधिकारों की गारंटी देते हैं


इन सभी परियोजनाओं का विरोध करने वाले आदिवासी आंदोलन के कार्यकर्ता, चाहे वह दक्षिण गुजरात में नर्मदा नदी परियोजना हो या स्टैच्यू ऑफ यूनिटी की परियोजना का आज आम आदमी पार्टी में विलय हो गया। आप से जुड़े आंदोलनकारियों ने कहा कि आजादी के इतने साल बाद भी हमें अभी तक अपना संविधान नहीं मिला है। इस लिए तो हम आम आदमी पार्टी से जुड़ रहे हैं।

आदिवासीओं को 27 साल से न्याय नहीं मिला


आम आदमी पार्टी में आदिवासी आंदोलनकारियों में शामिल होते हुए आप के महासचिव मनोज सोरठिया ने कहा, आम आदमी पार्टी दिन-ब-दिन मजबूत होती जा रही है। अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने वाले कार्यकर्ता और आंदोलनकारी और आदिवासी अब आप से जुड़ रहे हैं। 27 सालों में बीजेपी ने सिर्फ आदिवासियों को वोटर के तौर पर इस्तेमाल किया। इसलिए अब आदिवासियों से जुड़कर हम उन्हें विश्वास दिलाते हैं कि उनकी सभी समस्याओं का समाधान हो जाएगा।


हमें वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल किया गया:डॉ. प्रफुल्ल वसावा


आम आदमी पार्टी में शामिल हुए डॉक्टर प्रफुल्ल वसावा ने कहा कि आजादी के बाद संवैधानिक प्रावधान के बावजूद बीजेपी कांग्रेस के जरिए हमें जरूरी अधिकार नही मिले हैं। हमें सभी राजनीतिक दलों द्वारा केवल वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल किया गया था। हमें अपना हक्क मांगने के लिए भी आंदोलन करना पड़ता है और इसके लिए जेल भी जाना पड़ता है। फिर हम अब अरविंद केजरीवाल की ईमानदार राजनीति से आकर्षित हैं और उन्होंने उन्हें गारंटी दी है। इसमें हमारा समाज भी शामिल है। इसलिए हम आपसे जुड़ रहे हैं, और आने वाले दिनों में हमारे समुदाय के लोगों की एक बड़ी संख्या में शामिल होंगे।

आप में शामिल हुए ये आदिवासी नेता


दक्षिण गुजरात सहित मध्य गुजरात के चार आदिवासी युवा नेता देने के लिए शामिल हुए। इनमें डॉ. प्रफुल्ल वसावा, जिमी पटेल, कुंजन रमेश ढोडिया, नरेंद्र कांतिलाल चौधरी और जयदीप राठौर शामिल हैं। इन सभी लोगों ने आम आदमी पार्टी के मामले के साथ टोपी पहनी और अगली विधानसभा में बड़ी संख्या में लोगों को लामबंद करने का संकल्प लिया।
 
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