सूरत : कोर्ट का अजीबोगरीब मामला, पत्नी का मजाक उड़ाने वाले को सात हजार रुपये गुजारा भत्ता देने का आदेश

सूरत : कोर्ट का अजीबोगरीब मामला, पत्नी का मजाक उड़ाने वाले को सात हजार रुपये गुजारा भत्ता देने का आदेश

किसी महिला की मर्यादा का अपमान करना या उसकी मजाक उड़ाना भी यौन हिंसा के बराबर : कोर्ट

कोर्ट ने कहा- पत्नी का मजाक बनाना भी हिंसा मानी जाती है
सूरत शहर के वीआईपी रोड इलाके में रहने वाली मनीषा पटेल की शादी की तारीख  30-04-2012 को महेश पटेल के साथ हुई थी। शादी के बाद महेश के परिवार ने छोटी-छोटी बातों में मनीषा को प्रताडि़त करना शुरू कर दिया और कहा कि वह शादी में कम चीजें लाई है। महेश के परिवार का मनीषा के साथ उसकी गोधभराई के दौरान भी बड़ी लड़ाई की थी।
मनीषा को संतान में एक बेटी थी। हालांकि, बच्ची को यूरिनरी इंफेक्शन होने पर उसके ससुराल वाले भी उसे परेशान करते थे। वे छोटी-छोटी बातों में मनीषा को प्रताडि़त कर चिढ़ाते थे और उसकी मर्यादा भी नहीं रखते थे। अंतत: मनीषाबेन ने वकील प्रीति जोशी के माध्यम से सूरत की फैमिली कोर्ट में मुकदमा दायर कर गुजारा भत्ता की मांग की।
कोर्ट ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए फैसला सुनाया कि छोटी-छोटी बातों में महिला की मर्यादा का अपमान करना, सम्मान का अपमान करना या तोडऩा और पत्नी का मजाक उड़ाना भी हिंसा माना जाता है। कोर्ट ने पति महेश को सात हजार रुपये प्रतिमाह गुजारा भत्ता देने का आदेश दिया।
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