सूरत : शहर वालों के लिए बीआरटीएस – सिटी बस बने काल का वाहन, अब तक 80 लोगों की हुई मौत

मनपा नागरिकों को परिवहन सेवाएं प्रदान करने के लिए शहर में 700 से अधिक सिटी बसें और बीआरटीएस बसें चल रही हैं

कल एक बार फिर बीआरटीएस बस की टक्कर में दो लोगों की मौत हो गई।

शहरी परिवहन सेवा दुर्घटनाओं में अब तक 80 लोगों की मौत हो चुकी है। शहरी परिवहन सेवा में अधिकांश दुर्घटनाएं बीआरटीएस बसों के कारण होती हैं। बीआरटीएस रूट पर निजी वाहनों और पैदल चलने वालों के प्रवेश, जंक्शनों पर सड़क पार करते समय बसों से टक्कर होने के कारण, लोहे की ग्रिल से ऊंचे प्लांट सहित कई कारणों से बीआरटीएस बसों की चपेट में आने से पैदल यात्रियों की मौत हो रही है।

आपको बता दें कि मनपा नागरिकों को परिवहन सेवाएं प्रदान करने के लिए शहर में 700 से अधिक सिटी बसें और बीआरटीएस बसें चल रही हैं। प्रतिदिन ढाई लाख से अधिक लोग परिवहन सेवा का लाभ उठाते हैं। बीआरटीएस बस चलाने के लिए नगर पालिका ने लोहे की ग्रिल बनाकर बस के लिए अलग से बीआरटीएस रूट तैयार किया है। कुछ मार्गों पर, पौधों की ऊंचाई लोहे की ग्रिल से अधिक होती है, जिसके कारण बस चालक सड़क पार करने और बीआरटीएस लेन में प्रवेश करते समय पैदल चलने वालों को नहीं देख पाते है। बीआरटीएस रूट पर लगाए गए पौधों की ऊंचाई छह-सात फीट की जगह चार फीट करने के लिए उद्यान विभाग को कई बार गुहार लगाने के बावजूद इसमें कोई बदलाव नहीं हुआ है। साथ ही हादसों से बचने के लिए ज्यादातर जंक्शनों पर स्पीड ब्रेकर लगाए गए हैं। जबकि सिटी बस और बीआरटीएस बस की गति सीमा घटाकर चालीस कर दी गई है। बीआरटीएस बस की टक्कर में अब तक 57 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि सिटी बस की टक्कर में अब तक 23 लोगों की मौत हो चुकी है। शिकायत यह भी की गई है कि कुछ रूटों पर बस चालक लापरवाही से बस चला रहे हैं।

बीआरटीएस कॉरिडोर के तहत हर जंक्शन पर ट्रैफिक सिग्नल लगाने की योजना थी।

लेकिन एजेंसी की गंभीर लापरवाही के कारण यह काम आज तक पूरा नहीं हो पाया है। अहमदाबाद और वडोदरा जैसे शहरों में हर जंक्शन पर ट्रैफिक सिग्नल हैं। पैदल यात्री ट्रैफिक सिग्नल पर हरी और लाल बत्ती के आधार पर सड़क पार करते हैं, लेकिन सूरत में ट्रैफिक सिग्नल नहीं होने से बस चालक और पैदल यात्री भ्रमित होते हैं। लोगों के सड़क पार करते ही तेज रफ्तार बस ने राहगीरों को कुचल दिया है। ट्रैफिक सिग्नल के जरिए जंक्शन को रेगुलेट नहीं कर नगर पालिका रोजाना हजारों लोगों की जान को खतरे में डाल रही है।

नगर पालिका के निर्देश पर शहर की पुलिस ने बीआरटीएस कॉरिडोर में निजी वाहनों और पैदल चलने वालों के प्रवेश पर रोक लगा दी है। बीआरटीएस कॉरिडोर में वाहनों की एंट्री सिर्फ कागजों पर होती है। पुलिस अधिसूचना का क्रियान्वयन केवल कागजों पर होता है। रांदेर रोड और डुमास रोड को छोड़कर वराछा रोड, पुना कुभरिया रोड, उधना रोड, कटारगाम दाभोली रोड सहित बीआरटीएस लेन में निजी वाहन निर्बाध रूप से प्रवेश करते हैं। बीआरटीएस में चलने वाले निजी वाहनों को रोकने के लिए कोई अभियान नहीं चल रहा है, जिससे हादसों का खतरा बढ़ गया है।
Tags: