सूरत : ससुराल वालों पर पत्नी को जबरन रखने का आरोप लगाने वाले व्यक्ति पर अदालत ने लगाया जुर्माना, डिस्ट्रिक्ट सर्विस अथॉरिटी में एक हजार रुपये जमा कराने का निर्देश

सूरत : ससुराल वालों पर पत्नी को जबरन रखने का आरोप लगाने वाले व्यक्ति पर अदालत ने लगाया जुर्माना,  डिस्ट्रिक्ट सर्विस अथॉरिटी में एक हजार रुपये जमा कराने का निर्देश

अदालत में महिला का कहना 'अपनी मर्ज़ी से अपने माँ बाप के साथ रह रही हूं!'

राजस्थान में स्थित ससुराल वालों पर अपनी पत्नी को बल-जबरन तरीके से बंधक बनाकर रखने की बात कहते हुए अदालत से सर्च वारंट जारी पत्नी को खोजने की देने वाले पति पर तीसरे न्यायिक दंडाधिकारी आरएम चावड़ा ने कड़ा रुख अपनाते हुए पति की अर्ज़ी खारिज करते हुए पति को अदालत का समय बिगाड़ने के लिए एक हजार रुपये कोस्ट डिस्ट्रिक्ट सर्विस अथॉरिटी में जमा कराने का निर्देश दिया। 
मामले की जानकारी के अनुसार अमरोली कोसाड के रहने वाले और जड़ी-बूटी बेचने वाले अजय ने 21-6-2018 को भरूच में आपसी सहमति और नोटरी के जरिए राजस्थान के कोटा की लिनाबेन से शादी कर ली। बाद में सूरत रहने आये परिवार में से पति की सास ने अपनी बेटी को कुछ दिन अपने साथ रखने के लिए अपनी बेटी को कुछ दिनों के लिए घर ले गई।
उसके बाद जब पति ने फोन कर पत्नी को भेज देने को कहा, तो ससुराल पक्ष ने इसके लिए मना कर दिया। बार बार फोन करने पर सास ने यह कहकर बात नहीं करने दी कि पांच लाख भेजोगी तो अपनी बेटी को भेज देंगी। पति के राजस्थान जाने के बाद भी पत्नी को आने नहीं दिया गया। इस बीच, पत्नी लीनाबेन ने अपने पति को फोन किया और मायके में फांसी होने की बात कही. इस पर पति ने अदालत की सहायता ली। पत्नी अपने माता-पिता के साथ कोर्ट में पेश हुई जहाँ लीनाबेन ने कहा कि चार साल पहले उसकी शादी अजय से हुई थी और उसकी बहन की शादी अजय के भाई से हुई थी। आगे महिला ने बताया कि अजय के पिता ने शादी में मिले दहेज़ के सामान को बेच दिया और फिर मारकर उन्हें घर से निकाल दिया जिसपर वो स्वेच्छा से अपने माँ-बाप के साथ अपने पियरे में रह रही थी।
आगे पत्नी ने बताया कि पति के खिलाफ अजमेर पुलिस में महिला शरीफ कानून के उल्लंघन का मामला दर्ज किया गया है। और पति मात्र माता-पिता के साथ रहना चाहता है। अदालत के समक्ष पति के तलाशी वारंट आवेदन में लगे आरोपों को पत्नी ने खारिज कर दिया. अतः न्यायालय ने पति के तलाशी वारंट आवेदन को निरस्त करते हुए आवेदक पति को न्यायालय का समय बर्बाद करने और अदालत में झूठा हलफनामा जमा करने के लिए जिला विधि सेवा प्राधिकरण में एक हजार जमा करने का निर्देश दिया है।
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