सूरत : अस्पताल में भर्ती बच्चे के गले से श्वास नली निकल गई, मां मदद के लिये पुकारती रही लेकिन डॉक्टर सोता रहा!

सूरत : अस्पताल में भर्ती बच्चे के गले से श्वास नली निकल गई, मां मदद के लिये पुकारती रही लेकिन डॉक्टर सोता रहा!

सात वर्षीय बालक की मौत होने पर परिजनों का लापरवाही का अरोप

शहर के सिविल अस्पताल में लापरवाही के मामले समय समय पर सामने आते रहते है। प्रशासन और डॉक्टर्स क लापरवाही का खामियाजा मरीजों और उनके परिजनों को भुगतना पड़ता है। एक ऐसा ही मामला फिर सामने आया है। सिविल अस्पताल के चिल्ड्रन वार्ड में इलाज के लिए भरती बच्चे को कल अचानक ज्यादा तकलीफ होने लगी। इसके बाद उसकी मां डॉक्टर को बुलाने गई लेकिन डॉक्टर सो रहा था। परिजनों का आरोप है कि समय पर इलाज नहीं मिलने से बच्चे की मौत हो गई।
नवी सिविल से प्राप्त जानकारी के अनुसार, उधना के भीमनगर आवास में रहने वाले जितेंद्र भालेराव का 7 वर्षीय पुत्र अयूर 20 तारीख को घर में सीढ़ियों से गिर गया और उसे इलाज के लिए 22 तारीख को नवी सिविल में भर्ती कराया गया। कल उनका निधन हो गया। बच्चे के पिता ने बताया कि बाल वार्ड में भर्ती अयूर के गले में डाली गई ट्यूब आज सुबह निकली। जब उन्हें सांस लेने में तकलीफ होने लगी तो उनकी मां ने तुरंत पास में मौजूद डॉक्टर को बुलाया। लेकिन डॉक्टर समेत स्टाफ सो रहा था।
बाद में डॉक्टर उठा तो लेकिन “मैं अभी आ रहा हूं।“ कहके आया नहीं। इस दौरान मां डॉक्टर को बुलाती रही थी लेकिन जब तक डॉक्टर कोई हरकत करता तब तक बच्चे की मौत हो गई। साफ़ है कि डॉक्टर समय पर आते तो बच्चे की जान बच जाती। भालेराव परिवार के अन्य बच्चों में एक बेटा और एक बेटी है। जितेंद्रभाई चाय की लॉरी चलाते हैं।
नए सिविल मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डोगनेश गोवेकर ने बताया कि इस मामले में सच्चाई का पता लगाने के लिए जांच कराई जाएगी। इस मामले की जाँच निमेश वर्मा, सर्जरी विभाग के प्रमुख, संगीता त्रिवेदी, बाल रोग विभाग के प्रमुख और मैट्रॉन कांताबेन जांच करेंगे।
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