सूरत : जिला कलेक्टर आयुष ओक ने महुवा तहसिल के बुधलेश्वर, चित्रा और खरड़ गांव के बाढ़ प्रभावित इलाकों का किया दौरा

सूरत : जिला कलेक्टर आयुष ओक ने महुवा तहसिल के बुधलेश्वर, चित्रा और खरड़ गांव के बाढ़ प्रभावित इलाकों का किया दौरा

महुवा तालुका में पूर्णा नदी का जलस्तर बढ़ने पर असरग्रस्त लोगों का स्थनानांतर किया गया था, लोगों के साथ पशु मवेशीओं को भी प्रशासन ने सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया

बाढ से प्रभावित नागरिकों को प्रशासन की ओर से भोजन और केश डोल्स भी दिया जायेगा
सूरत जिले और अपस्ट्रीम में बारिश के कारण नीचले इलाकों में पानी भर गया।  मंगलवार को जिला कलेक्टर आयुष ओक एवं जिला विकास अधिकारी डीएस गढ़वी ने महुवा तालुका मुख्यालय, बुद्धलेश्वर,  चित्रा और खराड़ गांवों का दौरा किया और बाढ प्रभावितों से मुलाकात की। जिनके घरों में पानी भर गया उन्हें प्राइमरी स्कूल भेजा गया और भोजन -पानी उपलब्ध कराया गया। प्रशासन द्वारा बाढ़ प्रभावितों को  सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया। महुवा प्राथमिक स्कूल के साथ-साथ सामुदायिक रसोई घर का आयोजन कर बाढ़ प्रभावितों को खाने के पैकेट बांटे गए। कलेक्टर ने संबंधित अधिकारियों को तत्काल सर्वे कराने ने का आदेश देकर प्रभावितों को कैशडॉल देने की बात कही।
भारी बारिश के कारण रविवार को महुवा तालुका में पूर्णा नदी का जलस्तर बढ़ रहा है जिसके कारण नदी के तटीय क्षेत्र में रहनेवाले लोगों के घरों में बाढ़ का पानी भर जाने पर असरग्रस्त लोगों का सुरक्षित स्थान पर स्थानांतरन किया गया । देर रात महुवा तालुका के झांपाबाजार में रहने वाले लोगों के घरों में दो से तीन फीट तक पानी भर जाने से स्थानीय लोगों के सहयोग से प्रशासन द्वारा 32 प्रभावित परिवारों के 159 सदस्यों को सुरक्षित स्थान पर स्थानांतरण किया गया। 
घरों में बाढ़ से अनाज और मवेशियों के चारे को नुकसान पहुंचा है। प्रभावित 159 लोगों में से कुछ लोग वहां अपने रिश्तेदारों के यहा रहने गए। इसलिए बाकी बचे लोगों को सरकारी प्राथमिक विद्यालय में स्थानांतरित कर दिया गया, जहां उन्हें प्राथमिक देखभाल प्रदान की गई। जैसे जैसे बाढ़ का पानी कम हुआ वह अपने आवास पर लौट रहे है।
इसके अलावा महुवा तालुका की मियापुर समूह ग्राम पंचायत के अंतर्गत बुधलेश्वर गांव में पानी जमा हो गया। गांव के सरपंच से सूचना मिलने के बाद वहां के हालात पर काबू पाया पाने के लिए प्रशासन ने सावधानी पूर्वक करीब 40 लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया । महुवा तालुका में लोगों के साथ-साथ अबोल जानवर भी बने मेघ तांडव के शिकार, लेकिन व्यवस्था की सतर्कता के कारण जानवरों को बिना किसी हताहत के ऊंची जमीन पर ले जाया गया।
पूर्णा नदी का पानी कम होने लगता है वैसे वैसे असरग्रस्त लोग अपने निवासस्थान पर जाते है । प्रभावितों को उनके घर भेज दिया गया है। और अगर फिर से सिस्टम किसी भी दुर्घटना की स्थिति में सभी आवश्यक कदम उठाने के लिए तैयार है।
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