सूरत : प्रदेश भाजपा पदाधिकारियों का कारपोरेट कल्चर, कंपनी की एजीएम से भी बेहतर आयोजन

सूरत :  प्रदेश भाजपा पदाधिकारियों का कारपोरेट कल्चर,  कंपनी की एजीएम से भी बेहतर आयोजन

भाजपा की प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में एक कॉर्पोरेट कंपनी की वार्षिक आम बैठक जैसी व्यवस्था

मेज पर सूखे मेवे देखकर हंसी फैल गई, आयोजकों ने छोटी-छोटी बातों का रखा ख्याल
दशकों पुरानी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की संस्कृति नाटकीय रूप से बदल रही है। सूरत के सरसाना कन्वेंशन हॉल में आयोजित प्रदेश करोबारी की भव्य आयोजन सभी के लिए चर्चा का विषय बन गई है। क्षेत्र कार्यकारिणी में एक हजार से अधिक अपेक्षित नियुक्तियां मौजूद हैं। क्षेत्रीय कार्यकारिणी की भव्यता की भव्य योजना बनाई गई है। भाजपा ने एक बहुराष्ट्रीय कंपनी के आयोजन को भी फिका कर दे ऐसी  झलक देने की  योजना बनाई है। प्रत्येक नियुक्त व्यक्ति के लिए एसी हॉल में एक अलग टेबल स्थापित किया गया है, जिसके ऊपर काजू के साथ शीतल पेय की एक बोतल भी रखी गई है।
प्रवेश द्वार से लेकर अंदर तक की सभी व्यवस्थाएं बेहद शानदार
क्षेत्र में मौजूद सभी पदाधिकारियों को किसी प्रकार की परेशानी न हो इसका पूरा ध्यान रखा गया है। नियुक्तियों के बीच भी नियोजन को लेकर काफी चर्चा है।  कोई एक बड़ी मल्टीनेशनल कंपनी  कार्यक्रम आयोजित करती हो ऐसा आयोजन किया है। क्षेत्रीय कार्यकारिणी के प्रवेश द्वार से लेकर अंदर सभी व्यवस्थाएं बहुत ही शानदार तरीके से की गई हैं। एक नियुक्त व्यक्ति एक मेज पर बैठा है। सरसाना में पूरा कन्वेंशन हॉल सेंट्रल एसी है। क्षेत्रीय कार्यकारिणी में करीब एक हजार टेबल की व्यवस्था की गई है। प्रत्येक टेबल पर सूखे मेवे हैं जो अद्भुत हैं और सभी का ध्यान आकर्षित करते हैं। प्रत्येक टेबल पर काजू, बादाम, किशमिश, चॉकलेट और छोले चने रखे गए हैं। लगभग 400 से 500 ग्राम सूखे मेवे एक मेज पर रखे हैं। जब हम किसी बड़ी कॉर्पोरेट कंपनी की वार्षिक आम बैठक में मिलते हैं तो आमतौर पर हम जिस तरह की व्यवस्था देखते हैं, वह हर टेबल पर देखी है। इस बात से खुद नियुक्त कर्मचारी भी हैरान हैं। प्रत्येक टेबल पर तीन से चार शीतल पेय की बोतलें भी रखी हैं।
यहां तक ​​कि मौजूद पदाधिकारी भी मेज पर रखे सूखे मेवों को देख रहे थे और चर्चा कर रहे थे कि आने वाले दिनों में ये सभी सूखे मेवे खाकर चुनाव प्रचार के लिए दौडेंगे। तो कुछ और पदाधिकारी बात कर रहे थे की ये राज्य सरकार की योजनाएं हैं ताकि हम भूल न जाएं और लोगों को बादाम खिलाया जा रहा है ताकि याददाश्त कम न रहे। भाजपा ने ऐसी कार्यकारिणी कभी नहीं देखी। भाई अगर सूरत में प्लानिंग है तो ऐसा होना चाहिए। सूरत पहुंच ने पर स्वाभाविक रूप से आतिथ्य के आयोजन में कोई कसर नहीं छोड़ता है। सुबह के नाश्ते में सुरती लोचो, खमनी, पटुडी, इदडा रखा गया था। आम का रस, लीलवा की सब्जी, पातरा जैसे कई व्यंजन खाने में रखे  हैं। भले ही इसमें पैसा खर्च हो, लेकिन प्लानिंग की कोई कमी नहीं है। छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखा गया है।
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