सूरत : कुख्यात सज्जू कोठारी गिरोह की धमकी, ‘2 करोड़ दे दे अथवा खुदकुशी कर ले!’
            By  Loktej             
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                                                 जबरन साटाकट पर हस्ताक्षर लेकर मांगे पैसे
कुख्यात सज्जू कोठारी और उसके गैंग के कुख्यात कारनामे एक के बाद एक सामने आ रहे हैं। जमीन के दलाल को धमकाने और पैसे मांगने के बाद अब के बाद कुख्यात सज्जू कोठारी गिरोह के सदस्यों ने रांदेर रोड पर अकबरी मंजिल में रहने वाले एक बिल्डर को बहाने अपने घर बुलाकर ओलपाड में जमीन के सटाकट पर हस्ताक्षर करा लिए और फिर “अब तेरे पास दो विकल्प ही हैं, या तो 2 करोड़ रुपये दें या आत्महत्या कर लें।“ कहते हुए धमकी दी। रांदेर पुलिस में इस तरह की धमकी देने की शिकायत दर्ज की गई है।
जानकारी के अनुसार रांदेर रोड तड़वाड़ी क्षेत्र के अकबरी मंजिल में रहने वाले जमीन के दलाल इस्माइल अहमद शेख (43) ने 2019 में ओलपाड के सालेहपारा के सुर्वे नंबर 35/1 में एक प्लॉट खरीदा और उसके दोस्त मोईन खान मुस्तफखान पठान ने 26 प्लॉट खरीदे। इन सभी भूखंडों को खरीदने के बहाने नानपुरा में कुख्यात सज्जू कोठारी गिरोह के रऊफ पठान और सज्जाद कपाड़िया द्वारा जून 2020 में इस्माइल से संपर्क किया गया था। इसके बाद इस्माइल को वकील को दस्तावेज दिखाने के बहाने सज्जन के घर रांदेर-गोराट में अलफेसानी टावर के फ्लैट नंबर 703 में बुलाया। 
इसके बाद दस्तावेज ले लेने के बाद उन्होंने कहा, "हम जो बलते हैं वो करो, नहीं तो मार डालेंगे, वकील के सामने कुछ मत बोलना", यह कहते हुए इस्माइल के दोस्त जिग्नेश ठाकोर पटेल और अब्दुल करीम इलियास नवीवाला को जबरन 44 करोड़ रुपये में अल्लारखा गुलाम मुस्तफा शेख के नाम बिक्री विलेख में गवाह के रूप में रखकर उनका हस्ताक्षर किया गया था। इसेक बाद जब अब्दुल ने सबको भागने जाने को कहा और फिर बार-बार धमकी दी कि अगर साटाकट रद्द कर असली कागज देने के लिए दो करोड़ रुपये की मांग की। या फिर आत्महत्या कर लेने की बात कही।
सालेहपारा जमीन में कुल 60 भूखंडों में से एक इस्माइल शेख ने और 26 भूखंड उसके दोस्त मोईन खान ने खरीदे थे। रऊफ और सज्जाद ने प्लाट के बदले पुरे जमीन का साटाकट करा विवाद पैदा कर बाकी प्लॉट लेने वाले से पैसो लेने की बात थी। जिसमें से 30 फीसदी इस्माइल को देने की बात थी लेकिन इस्माइल ने मना कर दिया। बता दें कि तीनों में से रऊफ और सज्जाद गुजसीटोक के गुनाह में जेल में हैं। जबकि अल्लारखा वांछित है।
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