सूरत : आईडीटी और मंत्रा द्वारा 26 जून को सस्टेनेबिलिटी की थीम पर आधारित फैशन शो- फैशनोवा 2022 का आयोजन

सूरत  : आईडीटी और मंत्रा द्वारा 26 जून को सस्टेनेबिलिटी की थीम पर आधारित फैशन शो- फैशनोवा 2022 का आयोजन

इस फैशन शो में 12 विभिन्न थीमों पर छात्रों ने अलग-अलग तकनीकों का इस्तेमाल करके कलेक्शन बनाए हैं, आईडीटी से 150 बच्चे भाग ले रहे हैं

सरसाणा स्थित कन्वेशन सेन्टर पर सस्टेनेबिलिटी पर कोन्क्लेव और फैशन शो आयोजित किया जायेगा 
आईडीटी और मंत्रा मिलकर 26 जून को सस्टेनेबिलिटी की थीम पर आधारित फैशन शो- फैशनोवा 2022 का आयोजन कर रहे हैं। इस शो का मुख्य उद्देश्य वर्तमान सस्टेनेबल मैन्युफैक्चरिंग प्रक्रियाओं को प्रदर्शित करके टैक्सटाइल क्षेत्र के सेक्टरों को विकेंद्रीकृत और व्यवस्थित करके सस्टेनेबल मैन्युफैक्चरिंग शुरू करना और फैशन और कपड़ा उद्योग में "गो ग्रीन" की अवधारणा को आगे लाना है।
इस शो में मुख्य अतिथि के रूप में भारत की टेक्सटाइल कमिश्नर सुश्री रूप राशी की उपस्थिति होगी। शो के जूरी पैनल में उद्योग के प्रख्यात फैशन डिजाइनर शामिल होंगे, जैसे नीति सिंघल, जिन्होंने इटली से फैशन डिजाइन का अध्ययन किया था और शार्क टैंक इंडिया में अपने व्यवसाय "ट्वी इन वन" का प्रतिनिधित्व किया था। 
26 जून को, फैशन शो से पहले एक "सस्टेनेबल फैशन कॉन्क्लेव" का आयोजन भी किया गया है जिसमे पैनलिस्ट के तौर पे मंगेश कंवटे (आईडीएफएल), वी.बी. शाह (निदेशक, एलायंस फाइबर्स लिमिटेड), आकाश मारफतिया (जीबीएम फैब्रिक्स), राकेश सरोगी (लक्ष्मीपति), वीरेंद्र गुप्ता (रिलायंस इंडस्ट्रीज) जैसे लोग शामिल होंगे जो उद्योग में सस्टेनेबिलिटी की आवश्यकता और बदलाव पर चर्चा करेंगे।
मंत्रा पिछले 10-15 वर्षों में सस्टेनेबिलिटी पर विभिन्न अनुसंधान एवं विकास परियोजनाओं पर काम कर रहा है। इनमें से कुछ हैं केले के धागों से पर्यावरण के अनुकूल रिसाइकिल/बायो-डिग्रेडेबल वैल्यू एडेड टेक्निकल टेक्सटाइल्स का विकास, टेक्सटाइल इंडस्ट्रीज में इस्तेमाल होने वाले स्टेंटर की एनर्जी मॉडलिंग आधारित बेंचमार्किंग, सी.टी.सी. विकेन्द्रीकृत कपड़ा प्रसंस्करण क्षेत्र से, बेम्बर्ग/विस्कोस और बांस/लियोसेल से फैंसी परिधान कपड़े का विकास और संसाधित कपड़े के गुणों का अध्ययन, जल प्रदूषण और ऊर्जा उपयोग को कम करने के लिए प्रसंस्करण में ओजोन अनुप्रयोग का उपयोग करना और कई अन्य। उन्होंने इसकी आवश्यकता दर्शाने के लिए आईडीटी के साथ मिलकर उनके डिजाइन छात्रों द्वारा विभिन्न कलैक्शन डिजाइन करवाए हैं।
आईडीटी के छात्रों ने प्राकृतिक कपड़े और रंगों का इस्तेमाल किया है और पर्यावरण के अनुकूल सामग्री के साथ सतह अलंकरण किया है। उन्होंने 3R पर ध्यान केंद्रित किया है जहां उन्होंने नॉन सस्टेनेबल कपड़ों और रंगों के उपयोग को कम करने की कोशिश की है। उन्होंने प्लास्टिक और कचरे का पुनर्नवीनीकरण किया है और आधुनिक तकनीकों को बदल दिया है जो पर्यावरण के अनुकूल नहीं हैं और भारत के भूले हुए पारंपरिक कला रूपों को उनके स्थान पर पुनर्जीवित किया है। इन संग्रह का उद्देश्य इस पारंपरिक कला रूप को सुर्खियों में लाना और भारत के लोगों के बीच इसके लिए जागरूकता पैदा करना है।
ऐसा ही एक कलेक्शन मथुरा की सांझी कला पर आधारित है, जिसे संसद में चर्चा के आधार पर डिजाइन किया गया है। इस शो में कुछ 12 विभिन्न थीमों पर छात्रों ने अलग अलग तकनीकों का इस्तेमाल करके कलेक्शन बनाए हैं। इस शो में पूरे भारत में आईडीटी की शाखाओं से 150 बच्चे भाग ले रहे हैं जैसे की वापी और जूनागढ़।
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