सूरत में भगवान जगन्नाथ की भव्य रथ यात्रा, श्रद्धालुओं की भारी भीड़ और झांकियों ने किया आकर्षित

आषाढ़ी बीज पर इस्कॉन मंदिर की रथ यात्रा में उमड़े भक्त, पुलिस और प्रशासन ने की चाक-चौबंद व्यवस्था

सूरत में भगवान जगन्नाथ की भव्य रथ यात्रा, श्रद्धालुओं की भारी भीड़ और झांकियों ने किया आकर्षित

सूरत। आषाढ़ी बीज के पावन अवसर पर गुरुवार को भगवान जगन्नाथजी की रथ यात्रा में सूरत शहर में श्रद्धा और भक्ति का सागर उमड़ पड़ा। इस्कॉन मंदिर द्वारा आयोजित इस रथ यात्रा में हजारों श्रद्धालुओं ने भाग लिया और जय जगन्नाथ के जयकारों से पूरा वातावरण भक्तिमय बना दिया।

रथ यात्रा की शुरुआत दोपहर 2:30 बजे सूरत रेलवे स्टेशन से की गई। यात्रा से पहले विधिपूर्वक पूजा-अर्चना की गई और पहिंद विधि रथ के आगे सोने की झाड़ू से मार्ग शुद्ध करने की परंपरा  का पालन किया गया। इस रस्म को विधायक पूर्णेशभाई मोदी ने निभाया। इसके बाद भगवान जगन्नाथ, भाई बलराम और बहन सुभद्रा की रथ यात्रा टेक्सटाइल मार्केट रिंग रोड और मजूरा गेट होते हुए इस्कॉन मंदिर तक निकाली गई।

महापौर दक्षेश मावाणी, पुलिस आयुक्त अनुपमसिंह गहलोत, नगर निगम आयुक्त शालिनी अग्रवाल, जिलाधिकारी डॉ. सौरभ पारघी, पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी, यूथ फॉर गुजरात के अध्यक्ष जिग्नेश पाटील, पूर्व पार्षद एवं गणेश उत्सव समिति के अध्यक्ष अनिल बिस्किटवाला, दिग्विजयसिंह बारड और अन्य गणमान्य जनों ने पुष्प अर्पित कर भगवान का आशीर्वाद प्राप्त किया और नगरवासियों के कल्याण की कामना की।

रथ यात्रा की भव्यता में चार चांद लगाते हुए इस्कॉन मंदिर द्वारा भगवान की 21 लीलाओं पर आधारित भव्य झांकियां प्रस्तुत की गईं। इन झांकियों ने न केवल भक्तों को आकर्षित किया बल्कि भगवान की कथाओं को जीवंत रूप में साकार किया। इसके साथ ही हाथी, घोड़े, स्वामी की बग्गी और विशाल बैंड पार्टी ने शोभायात्रा को विशेष स्वरूप प्रदान किया।

रास्ते में बूंदी और हलवा का प्रसाद भी श्रद्धालुओं में वितरित किया गया। आयोजन के दौरान पुलिस प्रशासन की ओर से सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे, ताकि यात्रा शांतिपूर्वक और सुव्यवस्थित ढंग से संपन्न हो सके।

भगवान जगन्नाथ की यह रथ यात्रा सूरत में न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक बनी, बल्कि सामाजिक एकता, भक्ति और व्यवस्था का भी एक उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत कर गई। श्रद्धालुओं ने इसे जीवन का सौभाग्य मानते हुए भगवान के दर्शन किए और पुण्य प्राप्त किया।

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