सूरत : रिंग रोड फ्लायओवर ब्रिज का मरम्मत कार्य अंतिम चरण में 26 जून से ब्रिज खुलने की संभावना

सूरत :  रिंग रोड फ्लायओवर ब्रिज का मरम्मत कार्य अंतिम चरण में  26 जून से ब्रिज खुलने की संभावना

समय पर फ्लायओवर ब्रिज का मरम्मतकार्य पुरा नहीं होने से वाहन चालकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है

पुल की मरम्मत के बाद खुलने के लिए एक और तारीख दी गई
सूरत में रिंग रोड फ्लाईओवर ब्रिज बहुत व्यस्त रहता है क्योंकि कपड़ा बाजार और स्टेशन एक ही क्षेत्र में हैं। यहां से रोजाना लाखों वाहन गुजरते हैं। मरम्मत कार्य हेतू रिंगरोड फ्लाओवर ब्रिज को 8 मार्च से बंद कर दिया गया था। व्यस्त रिंगरोड फ्लाईओवर ब्रिज की मरम्मत के बाद खुलने की एक और तारीख प्रशासन द्वारा दी गई है। इसने पहले 9 मई और फिर 16 जून को ब्रिज खोलने की तारीख घोषित की थी। हालांकि पुल के उद्घाटन के लिए आज एक और तारीख का ऐलान किया जा रहा है। पुरे रिंगरोड क्षेत्र में यातायात की भारी समस्या है। इसलिए मांग की जा रही है कि इस पुल की मरम्मत कर जल्द ही इसे खोला जाए।
सूरत शहर की जीवन रेखा और यातायात में लगातार व्यस्त रहने वाले रिंग रोड के लंबे समय के बाद ओवरब्रिज की मरम्मत का काम शुरू किया गया है। मुश्किल होने के कारण पुल को बंद कर मरम्मत का काम किया जा रहा है। सुपरस्ट्रक्चर लिफ्टिंग के साथ बेयरिंग को बदलने का काम वर्तमान में पुल के पुनर्निर्माण के अधीन है। मरम्मत कार्य शुरू करने के लिए 9 मार्च से 8 मई तक पुल पर वाहनों के आवागमन पर रोक लगा दी गई थी। संचालन इतना धीमा हो रहा है कि 8 मई तक 50 प्रतिशत काम पूरा नहीं होने पर नगर पालिका ने प्रतिबंध 15 जून तक बढ़ा दिया और घोषणा की कि पुल 16 जून से वाहनों के आवागमन के लिए खुला रहेगा। हालांकि अभी बारिश नहीं हुई है, लेकिन पुल की मरम्मत का काम पूरा नहीं हो पाया है। ऑपरेशन 25 जून तक चलने की उम्मीद है। इसी को लेकर नगर पालिका ने एक बार फिर तारीख की घोषणा की है। इस पुल के 26 जून से खुलने की बात कही जा रही है। हालांकि, अगर इस समय के भीतर ही ऑपरेशन पूरा हो जाता है, तो 26 जून को रिंग रोड फ्लाईओवर ब्रिज पर वाहन यातायात शुरू होने की संभावना है। जिससे रिंग रोड के कपड़ा व्यापारियों की परेशानी बढ़ती जा रही है। लेकिन साथ ही मजुरागेट से स्टेशन तक पहुंचने के लिए नागरिकों को भारी ट्रैफिक का सामना करना पड़ रहा है। जिससे ईंधन और समय में काफी बदलाव आ रहा है। लेकिन जिस तरह से अधिकारी काम कर रहे हैं वह धीमा है। इससे नागरिकों को यातायात से जल्द राहत मिलने के कोई आसार नजर नहीं आ रहे हैं।
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