सूरत : कॉपीराइट मामले पर हीरा उद्योगपतियों की बैठक आयोजति हुई

सूरत : कॉपीराइट मामले पर हीरा उद्योगपतियों की बैठक आयोजति हुई

उद्योगपति जो मशीन करोड़ो रुपयों में खरीदते थे वह अब सूरत में 8 से 25 लाख में तैयार होती है और बहुत अच्छे से काम कर रही है

पदाधिकारियों ने कहा-  विदेशी कंपनी का एकाधिकार खत्म करने की शुरूआत सूरत से होगी
सूरत शहर का हीरा उद्योग बहुत बड़ा है। सूरत में हीरा काटने की मशीनें विदेशों से आ रही हैं। वर्षों से सूरत की विभिन्न बड़ी इकाइयों में इसी तरह की मशीनों का उपयोग किया जाता रहा है। सूरत शहर में 200 से अधिक कंपनियों के खिलाफ विदेशी कंपनियों द्वारा कॉपीराइट का मामला दर्ज करने के बाद अब हीरा उद्योग में शामिल सूरत डायमंड मशीनरी एंड टेक्नोलॉजी एसोसिएशन द्वारा आज एक बैठक आयोजित की गई। जिसमें पदाधिकारियों ने कहा कि सूरत से विदेशी कंपनी का एकाधिकार तोड़ने की शुरुआत होगी।
जिस तरह से विदेशी मशीनों के कारण कॉपीराइट मामले को संभाला जा रहा है, उसकी आलोचना करते हुए डायमंड एसोसिएशन के साथ-साथ अन्य संघों के अधिकारी विदेशी मशीनों के एकाधिकार को एक साथ तोड़ने का आह्वान कर रहे हैं। जिस प्रकार की हीरा मशीनें सूरत के उद्योगपतियों द्वारा करोड़ों रुपये में खरीदी जा रही थीं, वही सूरत शहर में बन रही हैं। जो सिर्फ 8 लाख से 25 लाख में तैयार होते हैं जो बहुत अच्छे से काम कर रहे हैं और बहुत सस्ते दरों पर उपलब्ध हैं। ओवरसीज इज़राइल सबसे अच्छी कंपनी है। अमेरिका कॉपीराइट का मालिक है। उनके द्वारा सूरत की हीरा कंपनियों के खिलाफ कॉपीराइट का मामला दर्ज कराया गया है।
जेम एंड ज्वैलरी प्रमोशन काउंसिल के क्षेत्रीय अध्यक्ष दिनेश नवादिया ने कहा कि हीरा उद्योग के सामने कॉपीराइट का मुद्दा जटिल है। लेकिन हीरा उद्योग किसी विदेशी कंपनी के झूठे आरोपों के आगे नहीं झुकेगा। उन्होंने कहा कि विदेशी कंपनियों की हीरा काटने वाली मशीनों की तरह अब सूरत शहर पर भी एकाधिकार टूट रहा है। जहां प्रधानमंत्री खुद मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत पर विशेष काम कर रहे हैं, वहीं सूरत में स्थानीय स्तर पर हीरा काटने की मशीन लगाने की दिशा में काम करने की जरूरत है।
लैबग्रोन डायमंड एसोसिएशन के अध्यक्ष बाबू वाकानी ने कहा भले ही विदेशी कंपनियां किसी भी तरह से कॉपीराइट के लिए मुकदमा करना चाहें, हम कानूनी रूप से उनका जवाब देंगे। हमारी कानूनी टीम कानूनी लड़ाई लड़ेगी। हीरा उद्योग और जिस तरह से विदेशी कंपनियों ने इसके खिलाफ अपनी लड़ाई शुरू की है, सूरत डायमंड एसोसिएशन, डायमंड एसोसिएशन, सूरत डायमंड मशीनरी एंड टेक्नोलॉजी एसोसिएशन मिलकर इस लड़ाई को लड़ते रहेंगे।
प्रवीणभाई देवमुरारी एक कॉपीराइट मामले में वकील के रूप में हीरा उद्योग के लिए लड़ रहे हैं। प्रवीणभाई ने कहा कि वर्षों से चली आ रही हीरा उद्योग में इस स्थिति के उभरने के लिए उद्योग से जुड़े लोगों की उदारता जिम्मेदार है। यह पूरा मामला प्रायिकता और संभावना पर आधारित है। विदेशी कंपनियों ने कहा है कि उन्हें पता चला है कि हमारे सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया जा रहा है। इस बात से डरने की जरूरत नहीं है कि हमें नहीं पता कि कंपनी के पास इस्तेमाल किए गए सॉफ़्टवेयर का क्या सबूत है। पेटेंट अधिनियम के तहत, यदि पहली बार कोई दोहराव किया जाता है, तो देयता उत्तरदायी होती है। इसे लागू किया जा सकता है यदि बहरीन संघ का सदस्य देश इस कानून के तहत कॉपीराइट प्राप्त कर चुका है। लेकिन संभावना और संभावना के लिहाज से ही मामला आगे बढ़ रहा है।

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