सूरत : चरस का नेटवर्क चलाने वाला लाला चद्दर 11 साल से सप्लाई अपराध में वांछित था

सूरत : चरस का नेटवर्क चलाने वाला लाला चद्दर 11 साल से सप्लाई अपराध में वांछित था

घोडा और बग्गी बिजनेस के साथ चरस बेचने वाले 53 साल के यूनुस शेख सूरत में वांटेड घोषित होने के बाद अलग-अलग शहरों में घूम रहे थे, एसओजी ने नासिक के वडालगाम में वोच लगा दी और उसे गिरफ्तार कर लिया

53 वर्षीय यूनुस शेख सूरत में वांछित घोषित होने के बाद विभिन्न सूरत और आसपास के शहरों में यात्रा कर रहे थे
सूरत और उसके आसपास चरस नेटवर्क चलाने वाले लाला चद्दर को चरस देने के आरोप में सूरत एसओजी ने 11 साल से वांछित वयस्क को नासिक के वडाला गांव से पकड़ा था। 53 वर्षीय यूनुस शेख, जो अपने परिवार के घोड़े और छोटी गाड़ी के कारोबार के साथ चरस बेचते हैं, सूरत में वांछित घोषित होने के बाद पुलिस से बचने के लिए लगातार घर बदलते हुए अलग-अलग शहरों में रह रहे थे।
कुख्यात अब्दुल रज्जाक उर्फ ​​लाला चद्दर हमीदखान पठान  सूरत और आसपास के क्षेत्रों में चरस का धंधा करता था। सूरत एसओजी ने वर्ष 2011 में 912 ग्राम चरस किमत 91200 के साथ गिरफ्तार किया था। पुलिस ने लाला चद्दर के साथ पत्नी आयशाबानु को भी गिरफ्तार किया था।  अमरोली, सूरत में चरस का एक नेटवर्क संचालित करता था।  इसी बीच कोन्स्टेबल राजेश पीतांबरभाई को मिली सूचना के आधार पर सूरत के एसओजी ने नासिक के वडालगाम में वोच लगा दी और उसे गिरफ्तार कर लिया गया। 
वडालगाम के सादिक नगर स्ट्रीट नंबर 04 में रहने वाले 53 वर्षीय यूनुस रजक शेख और अपने परिवार के घोड़े और छोटी गाड़ी के कारोबार के साथ मुर्गियां भी बेचते हैं, जो सालों से मुंबई से अपने खुद के व्यवसाय के साथ चरस की तस्करी कर रहे हैं। लाला चद्दर को 11 साल पहले सूरत में गिरफ्तार किया गया था और उसके घर की तलाशी लेने पुलिस के घर पर लाया गया तभी वह फरार हो गया था। फिर वह पुलिस से बचने के लिए नासिक, इगतपुरी और मुंबई चला गया।
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