सूरत : पति की मौत के बाद दूसरों के घर में काम कर परिवार संभाल रही ये ‘मदर इंडिया’ अनिताबेन शेल्के, प्रदेश सरकार की विधवा योजना से मिल रही मदद

सूरत : पति की मौत के बाद दूसरों के घर में काम कर परिवार संभाल रही ये ‘मदर इंडिया’ अनिताबेन शेल्के, प्रदेश सरकार की विधवा योजना से मिल रही मदद

प्रदेश सरकार की गंगा स्वरूपा आर्थिक सहायता योजना के तहत हर माह 1250 की मदद मिल रहे हैं जिससे परिवार सँभालने में सहयता हो रही है

महिला एवं बाल विकास विभाग के अंतर्गत 'गंगा स्वरूपा आर्थिक योजना' के तहत जिले की हजारों महिलाओं को पेंशन जैसी वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है। सूरत शहर में रहने वाली 40 वर्षीय अनिताबेन को भी राज्य सरकार की इस योजना के तहत हर महीने सीधे 1250 की आर्थिक सहायता बैंक खाते में मिल रही है।
जानकरी के अनुसार महाराष्ट्र के बुलढाणा जिले की मूल निवासी और वर्तमान में सूरत के वेडरोड इलाके के त्रिलोक सोसायटी में रहने वाली और 40 वर्षीय लाभार्थी अनिताबेन सुनीलभाई के पति सुनीलभाई की छह साल पहले एक गंभीर बीमारी के कारण निधन हो गया था। ऐसे में तीनो बच्चों को पालने और परिवार का निर्वाह करने का जिम्मा लेकर अनीताबेन रोजगार के लिए अपने तीनों बच्चों के साथ 2019 में सूरत आई। सूरत जैसे बड़े और महंगे शहर में उनके लिए शुरुआती दिन बहुत मुश्किल थे। दूसरों के घरों में काम करके अपने परिवार का भरण पोषण करने वाली अनीताबेन को उनके एक पड़ोसी से सरकार द्वारा लाचार विधवा महिलाओं को पेंशन मिलने की बात पता चलती है। जिसके बाद उन्होंने 'गंगा स्वरूपा आर्थिक सहायता योजना' का फॉर्म भर दिया और तब से उन्हें सरकार से मदद मिल रही है।
इस बारे में अनिताबेन कहती “मैं राज्य सरकार की इस योजना से मिलने वाली घरेलू सब्जी, दूध का खर्च उठा रही हूं। यह मदद मेरे लिए घर खर्च में सहारा साबित हुई है। इसके इलावा मैं घर का काम कर अपने तीनों बच्चों की पढ़ाई और आजीविका के लिए कड़ी मेहनत कर रही हूँ।“ साथ ही उन्होंने गंगा औपचारिक आर्थिक योजना के लिए उन्होंने राज्य सरकार को धन्यवाद दिया था जिससे उनके संघर्षपूर्ण जीवन को कुछ राहत मिली है।
गौरतलब है कि महिला एवं बाल विकास विभाग की गंगा स्वरूपा योजना के तहत सूरत शहर-जिले की 68,503 गंगा रूपी महिलाओं को प्रति माह सहायता राशी के रूप में 1250 रुपये मिल रहे है। 14 मई तक कोई भी विधवा महिला इस योजना से वंचित न रहे इसके लिए सूरत जिला प्रशासन ने विशेष अभियान चलाया है। ताकि ऐसी महिलाएं मामलतदार कार्यालय या तलाटी में संपर्क कर लाभ उठा सकें।
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