सूरत : नगर निगम के सुरक्षा विभाग ने नहीं किया महापौर के निर्देश का पालन

सूरत : नगर निगम के सुरक्षा विभाग ने नहीं किया महापौर के निर्देश का पालन

महापौर हेमाली बोघावाला ने मनपा आयुक्त को पत्र लिखकर जिम्मेदार पर कार्यवाही की मांग की

मेयर ने तीन दिन में मांगा पूरा ब्योरा, लेकिन सात दिन बाद भी नहीं आया ब्योरा
30 अप्रैल को सूरत नगर निगम की आम बैठक में विपक्ष के हाई वोल्टेज ड्रामे के बाद सियासी माहौल गरमा गया है। निगम की आम सभा पूरी होने के बाद विपक्ष आम आदमी पार्टी के सदस्यों ने बैठक कक्ष में रात कैसे गुजारी और आपको यह सुविधा कैसे मिली? महापौर हेमाली बोघावाला ने तीन दिन में स्पष्टीकरण मांगा था। इतने गंभीर नोट के बावजूद निगम ने महापौर के पत्र की अनदेखी की है और सात दिन बाद भी कोई स्पष्टीकरण नहीं मिला है इसलिए महापौर ने एक और पत्र लिखकर जिम्मेदार व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
सूरत में केजरीवाल की मौजूदगी वाले दिन यानी 30 अप्रैल 2022 को मेयर की अनुमति के बिना ही नगर पालिका का विरोध पक्ष सभागार में धरने पर बैठ गया और पुरी रात सभागृह में ही बिताई।  इस अध्याय में अगले दिन सुरक्षा-पुलिस की सहायता से आप के कार्यकर्ताओं को सभागृह से निकाल दिया गया। इस पूरे घटनाक्रम के दौरान महापौर ने नगर आयुक्त को तीन दिनों के भीतर तीन अलग-अलग मुद्दों पर विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए एक नोट सौंपा और नगर आयुक्त से जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने का आग्रह किया।
निगम के सभागार में गंभीर घटना घटने के तीन दिन के अंदर ही निगम की महापौर हेमाली बोघावाला ने रिपोर्ट दर्ज करायी थी। इस संबंध में जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के अलावा 30-4-2022 को अगले दिन शाम 7.05 बजे से 3.15 बजे तक की गई कार्रवाई की रिपोर्ट देने के अलावा, पूरी जानकारी मांगी गई है। 
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