सूरत : कब्रिस्तान के धुएं से उडी मधुमक्खीओं ने 50 से अधिक लोगों को काटा

सूरत : कब्रिस्तान के धुएं से उडी मधुमक्खीओं ने 50 से अधिक लोगों को काटा

कब्रिस्तान के पास एक टैंक पर छत्ते की मधुमक्खियों ने आतंक मचाया

मधुमक्खियों ने महुवा तालुका के ज़ेरवावरा गांव को आतंकित कर दिया
सूरत जिले के महुवा तालुका के जेरवावरा जरी फलिया में पानी की टंकी पर छत्ता मक्खियों ने अंतिम संस्कार गृह में 50 से अधिक लोगों को काट लिया, जिससे अराजकता का माहौल बन गया। प्राप्त जानकारी के अनुसार, महुवा तालुका के जेरवावरा जरी में जलापूर्ति योजना का एक बड़ा टैंक बनाया गया है।
मधुमक्खियां 2014 से इस टैंक का छत्ता बनाने के लिए इस्तेमाल कर 8 से 10 छत्ते बनाए हैं। लेकिन स्थानीय लोगों के लिए यह बाधा नहीं बनी, लेकिन इस महीने ये छत्ते किसी न किसी वजह से आतंकित कर रहे हैं। टैंक के आसपास कई राहगीरों को मधुमक्खियों ने काट लिया है।गौरतलब है कि हाल ही में मरने वाले एक स्थानीय निवासी को दफनाने के लिए पानी की टंकी के पास श्मशान घाट लाया था। इस बीच, अंतिम संस्कार के जुलूस पर मधुमक्खियों के झुंड ने हमला किया। 50 से अधिक लोगों को काट लिया। इसलिए लोगों का अंतिम संस्कार के लिए खड़ा होना मुश्किल था। मधुमक्खी के डंक की अचानक शुरुआत ने कई लोगों की तबीयत खराब कर दी।फिलहाल इस पानी की टंकी के छत्ते से पूरे इलाके में दहशत का माहौल है। स्थानीय नेताओं द्वारा मामले की सूचना संबंधित अधिकारियों को दी गई है और स्थानीय लोगों के बीच इस मुद्दे को फिर से होने से पहले हल करने की मांग बढ़ रही है।
अचानक मधुमक्खी के छत्ते से उड़कर श्मशान में सभी को काटने लगी और कुछ देर के लिए अफरा-तफरी मच गइ। 
डा. ॅमहेशभाई पटेल, एमओ, महुवा सीएचसी ने कहा कि मधुमक्खी के डंक के कांटे शरीर में रह जाते हैं। मधुमक्खी के डंक को हल्के में लिए बिना शरीर से काँटे को निकालना बहुत जरूरी है। अगर कांटा नहीं हटाया गया तो एलर्जी, संक्रमण, सूजन जैसी कई समस्याएं पैदा हो जाती हैं, इसलिए मधुमक्खी के डंक मारने के बाद प्राथमिक उपचार करना जरूरी है।

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