सूरत : नहर का पानी सड़क पर नदी की तरह बहा, नहर को लोग कुडादान समझकर कचरा डालने से जाम लगा

सूरत :  नहर का पानी सड़क पर नदी की तरह बहा, नहर को लोग कुडादान समझकर कचरा डालने से जाम लगा

सिंचाई विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि लोगों द्वारा नहर में कूड़ा डालने के कारण जाम लग रहा था और इस कारण नहर से निकलने वाली सड़क पर पानी बह रहा था।

पिछले 3 दिनों से नहर से पानी सड़क पर बह रहा है, नहर से लाखों लीटर पानी बर्बाद हो रहा है
सूरत के लिंबायत में बीआरटीएस कैनाल रोड सम्राट विद्यालय बस स्टैंड के पास नहर से लाखों लीटर पानी बर्बाद हो रहा है। पिछले तीन दिनों में सड़कों पर इतना पानी बह रहा है। गया है कि मानो मानसून की बारिश के बाद हालात बन गए हैं। गर्मी के दिनों में लोग पीने के पानी के लिए हाहाकार मचा रहे हैं। पानी कम दबाव पर पहुंच रहा है और इस तरह की निष्क्रियता वाकई दुखद है। हालांकि सिंचाई विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि लोगों द्वारा नहर में कूड़ा डालने के कारण जाम लग रहा था और इस कारण नहर से निकलने वाली सड़क पर पानी बह रहा था।
लिंबायत क्षेत्र में बीआरटीएस नहर के पास जो दृश्य सामने आ रहे हैं उनमें साफ नहर से पानी उठता देखा जा सकता है। भारी मात्रा में पानी बर्बाद होने के बावजूद अधिकारियों का पेट नहीं भर रहा है। क्षेत्र में पहले भी यही स्थिति थी और नहर से पानी लगातार बह रहा है। स्थानीय विधायक व पार्षद भी मामले को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं।
कांग्रेस के पूर्व पार्षद दिनेश सावलिया ने कहा कि लिंबायत में विधायक संगीता पाटिल के कार्यालय के पास लगातार तीन दिनों से पानी रिसाव होने के बावजूद उन्होंने मामले को गंभीरता से नहीं लिया। जब मुझे इस बात की जानकारी हुई तो मैं खुद स्थिति देखने गया। मैंने सिंचाई विभाग के अधिकारियों से संपर्क करने की कोशिश की क्योंकि नहर से पानी बह रहा था लेकिन वे मुझसे बात नहीं कर सके। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए तत्काल प्रभाव से पानी का रिसाव बंद किया जाए। एक ओर जहां लगातार पानी की बर्बादी हो रही है तो दूसरी ओर सिंचाई विभाग द्वारा किसानों को पर्याप्त मात्रा में पानी उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है।
सिंचाई विभाग की उप कार्यपालक अभियंता प्रेरणा राजपूत ने बताया कि कुछ दिन पहले क्षेत्र में पूरी नहर की सफाई कराई गई थी। लेकिन हमारे लिए समस्या यह है कि यहां के लोग नहर को कूड़ेदान समझते हैं। बार-बार गुहार लगाने के बावजूद लोग बड़ी मात्रा में कूड़ा नहर में डाल रहे हैं, जिससे शहर में जाम की स्थिति बन रही है। बड़ा सवाल यह है कि हमारे विभाग द्वारा एक ही स्थान पर कितनी बार सफाई की जाए। निगम के अधिकारी विशेषकर स्वास्थ्य विभाग को इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि नहर को साफ रखने के लिए कूड़ा-करकट नहर में न फेंके। नहर में बार-बार कचरा डालने से भारी जाम लग जाता है, जिससे पानी की सरलता से बहाव अटक जाता है और नहर से पानी सडक पर बहता है। इस स्थिति को पैदा करने के लिए सिंचाई विभाग की ओर से अतिरिक्त पानी नहीं छोड़ा जाता है, लेकिन यह स्थानीय लोगों की लापरवाही के कारण होता है।

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