
सूरत : एयरपोर्ट में बाधा डालने के आरोप में दायर याचिका पर जून में सुनवाई
By Loktej
On
दीवानी आवेदन 20 अप्रैल को दायर किया गया था, इससे पहले नगर पालिका को भी कार्रवाई की रिपोर्ट देने का निर्देश दिया गया था
नगर पालिका व एयरपोर्ट अथॉरिटी की एक्शन रिपोर्ट पर होगी चर्चा
सूरत एयरपोर्ट रनवे के आसपास बनी बहुमंजिला इमारतों को लेकर समय-समय पर विवाद सामने आता रहा है। इस संबंध में गुजरात उच्च न्यायालय में दायर रिट याचिका 63-2019 से निपटने के लिए एक मौखिक आदेश भी जारी किया गया था। हालांकि, एक रन-ऑफ-द-रोड बाधा सूची संकलित करने के बाद हवाईअड्डा प्राधिकरण द्वारा की गई कार्रवाई पर सुनवाई अभी भी लंबित है।
एक रिट याचिका दायर की गई थी जिसमें आरोप लगाया गया था कि कुछ ऊंची इमारतें सूरत हवाई अड्डे पर उड़ान में बाधा डाल रही थीं। उच्च न्यायालय द्वारा मौखिक आदेश जारी होने के बाद एआई द्वारा बाधित 27 परियोजनाओं के 102 टावरों की एनओसी पर विवाद खड़ा हो गया। हवाईअड्डा प्राधिकरण द्वारा प्रदान की गई एनओसी साइट पर इमारत का निर्माण नहीं होने के हलफनामे पर एक बड़ा विवाद था। इस संबंध में उच्च न्यायालय के सख्त रुख के बाद सूरत नगर निगम ने भी कार्रवाई के लिए तत्परता दिखाई, छुट्टी रद्द क्यों नहीं? ऐसा नोटिस दिया गया है।
इस मामले में एयरपोर्ट के आसपास की संपत्तियों को डीजीसीआई द्वारा जारी एनओसी के अक्षांश और देशांतर की जांच के लिए एक समिति का गठन किया गया था। सर्वेक्षण में पाया गया कि कुछ इमारतों के अक्षांश और देशांतर भिन्न थे। इसलिए मौजूदा इमारतों और एनओसी दिए गए भवनों के बीच अक्षांश और देशांतर में बड़ा अंतर था। इस विरोधाभास के बाद, गुजरात उच्च न्यायालय ने कार्रवाई का एक मौखिक आदेश जारी किया था। गौरतलब है कि गुजरात उच्च न्यायालय ने इससे पहले सूरत नगर निगम को इस मुद्दे पर की गई कार्रवाई रिपोर्ट के साथ पेश होने का निर्देश दिया था।
रिट याचिकाकर्ता ने 20 अप्रैल को उच्च न्यायालय में एक दीवानी आवेदन दायर किया था क्योंकि लंबे समय से मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई थी। इस आवेदन के आधार पर 63-2019 से दर्ज मामले पर मुख्य न्यायालय में बोर्ड में कार्यवाही की गयी। मामले की सुनवाई जून के तीसरे सप्ताह में होनी है।
Tags: