सूरत : गटर समिति की बैठक में ड्रेनेज लाइन व नई लाइन के मरम्मत कार्य के लिए 22 करोड़ आवंटित

अधिकारियों को मानसून से पहले ड्रेनेज लाइन और बरसाती पानी के निस्तारण की व्यवस्था करने के निर्देश दिए

भारी बारिश के कारण लाइनें ठप हो जाती है, नागरिकों को कोई परेशानी न हो इसके लिए काम करें
हर मानसून में मैनहोल के अंदर मलबा जमा होने या चेंबर के टूटने से कई जगहों पर गंदा पानी जाम हो जाता है। बारिश के पानी का निस्तारण भी नहीं होने के कारण दूषित जल निकासी सोसायटी और सड़कों पर वापस आ जाती है। जिससे महामारी के फैलने की संभावना बहुत ज्यादा हो जाती है। सीवरेज कमेटी की शनिवार को आयोजि हुई बैठक में 22 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई है ताकि मानसून से पहले काम पूरा किया जा सके। 
मानसून के दौरान हर बार प्रीमानसून ऑपरेशन किए जाते हैं लेकिन जब भी शहर में एक घंटे में एक इंच से ज्यादा बारिश होती है तो सारी तैयारियां विफल हो जाती हैं। अधिक बारिश होने से लाइनें चोक हो गई हैं। कई जगह चेंबर भी टूटे हैं और मरम्मत का काम ठीक से नहीं होने से राहगीरों को भी परेशानी हो रही है। अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि सूरत नगर निगम में शामिल किए गए नए क्षेत्रों में भी ड्रेनेज लाइनों का समुचित संचालन सुनिश्चित किया जाए। 
सीवरेज कमेटी के अध्यक्ष विक्रम पाटिल ने कहा कि शहर को अधिक से अधिक सीवर लाइनों की सफाई का काम सौंपा गया है, खासकर मैनहोल के अंदर, जो भारी मात्रा में कचरा जमा कर रहे हैं। नया सैंपल चैंबर तैयार करने का भी काम किया जाएगा। आगे की मरम्मत की जाएगी जहां सामने के कक्ष की मरम्मत की आवश्यकता होगी। नये सम्मिलित क्षेत्रों में वर्षा जल के उचित निकास एवं निस्तारण की व्यवस्था करने के लिये तत्काल निर्देश जारी किये गये हैं। ताकि आने वाले दिनों में जब मानसून शुरू हो जाए तो नागरिकों को कोई परेशानी न हो। 


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