सूरत : कठोदरा प्राइमरी स्कूल के 11 छात्रों की धमकी, कक्षा 9 शुरू करें, नही तो हम अग्निस्नान करेंगे

सूरत : कठोदरा प्राइमरी स्कूल के 11 छात्रों की धमकी,  कक्षा 9 शुरू करें, नही तो हम अग्निस्नान करेंगे

स्कूल में रखे सुझाव पेटी से मिले पत्र से प्रबंधन बौखला गया, जिला शिक्षा अधिकारी राज्यगुरु बच्चों से संपर्क करने की बजाय बैठकों में व्यस्त हैं,

सरकार की मंजूरी के बावजूद कक्षा-9 की कक्षाओं के लिए जगह नहीं, बढ़ा विवाद
सूरत जिले के कठोदरा प्राइमरी स्कूल में कक्षा-9 की कक्षाएं शुरू करने की सरकार से मंजूरी मिलने के बाद भी अभी तक कक्षाएं शुरू नहीं हो पाई हैं। विवाद बढ़ता ही जा रहा है। सरकार ने जुलाई 2021 में स्कूल में नौवीं कक्षा शुरू करने की मंजूरी दे दी है। इस संबंध में स्थानीय निवासियों और अभिभावकों ने बार-बार स्कूल प्रशासकों को सुझाव दिया है कि कक्षा 9 की कक्षाएं जल्द शुरू की जाएं। ताकि कक्षा एक से आठ तक के बच्चों को आगे की पढ़ाई के लिए कक्षा नौ में प्रवेश मिल सके। लेकिन अभी तक उनके सवालों का समाधान नहीं हुआ है। कठोदरा के सुझाव पेटी में छात्रों द्वारा दिए गए अग्नि स्नान का संकेत है। हालांकि, यह पता चला है कि इस मुद्दे पर बैठकों में व्यस्त रहे जिला शिक्षा अधिकारी ने बच्चों से संपर्क तक नहीं किया है। 
आज सुबह सुझाव पेटी में पत्र मिला उसे लेकर हडकंप मच गया है।

कठोदरा स्कूल के अंदर एक सुझाव पेटी लगाई गई है। छात्र या अभिभावक इस बॉक्स के अंदर स्कूल संबंधित कोई भी प्रश्न डाल सकते हैं। प्राप्त पत्रों को विद्यालय प्रबंधन समिति एवं शिक्षकों द्वारा पढ़ा जाता है। वे समस्या का समाधान निकालने का प्रयास कर रहे हैं।  आज सुबह सुझाव पेटी में  पत्र मिला उसे लेकर हडकंप मच गया है। जिसमें लिखा है कि अगर नौवीं कक्षा शुरू नहीं हुई तो हम 11 बच्चे अग्निस्नान कर लेंगे। पत्र स्कूल प्रबंधन समिति के पास पहुंचते ही तत्काल प्रभाव से शिक्षकों से इस मामले पर चर्चा की और बच्चों से यह भी पूछा कि पत्र किसने लिखा है। 
चिट्ठी में बेहद चौंकाने वाली बातें सामने आई हैं।  सबसे गंभीर बात यह है कि बच्चे स्वयं अग्नि स्नान करेंगे। उस प्रकार का उल्लेख किया गया है। मध्याह्न भोजन में भी सड़े-गले अनाज परोसे जाने की बात कही है। बच्चों के लिए स्वस्थ भोजन भी नहीं दिया जा रहा है। इतने गंभीर मामले का जिक्र करते हुए पत्र मिलते ही शिक्षक और स्कूल प्रबंधन समिति के अध्यक्ष सक्रिय हो गए। 
स्कूल प्रबंधन समिति के अध्यक्ष रिंकल पोशिया ने कहा कि राज्य सरकार ने कठोदरा प्राथमिक विद्यालय में कक्षा 9 की कक्षाएं शुरू करने की मंजूरी दे दी है। लेकिन हैरानी की बात यह है कि यहां कोई व्यवस्था न होने के बावजूद 9वीं की कक्षा शुरू करने के लिए सिर्फ कागजों पर अनुमति दी गई। बार-बार की शिकायतों की जांच के लिए जिला शिक्षा अधिकारी जब यहां आए तो उन्होंने एक निजी स्कूल में कक्षा नौवीं कक्षा शुरू करने की बात कही। फिलहाल ग्राम पंचायत ने कमरा खाली कर दिया है और वहां एक प्राथमिक विद्यालय शुरू किया गया है। नौवीं कक्षा शुरू होने के बावजूद शिक्षा अधिकारी की घोर लापरवाही व निष्क्रियता से बच्चों का भविष्य खतरे में है। जिला शिक्षा अधिकारी इस मामले को गंभीरता से नहीं लेते हैं, जबकि कक्षा के लिए व्यवस्था की गई है। इसलिए हो सकता है कि किसी छात्र ने एक पत्र लिखा हो जिसमें उल्लेख किया गया हो कि वह स्वयं अग्नि स्नान कर लेगा। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यदि माध्यमिक विद्यालय के लिए स्वीकृति दी गई है तो बच्चे कहाँ पढ़ेंगे यदि कोई व्यवस्था नहीं की गई है तो इसे किस आधार पर स्वीकृत किया गया है।
सूरत के जिला शिक्षा अधिकारी राज्यगुरु से संपर्क किया तो वह बैठक में व्यस्त होने की बात कह रहे थे। उन्हे तब बताया कि जिले के एक स्कूल के अंदर 11 छात्रों ने अग्नि स्नान करने के लिए एक पत्र लिखा था। मामला बहुत गंभीर है। इस बारे में आपको क्या कहना है? जिला शिक्षा अधिकारी ने स्पष्ट किया कि उन्हें अभी तक पत्र नहीं मिला है। अगर मुझे पत्र मिलता है, तो मैं इसे पुलिस को दूंगा। अगर संस्था को मंजूरी मिलती है, तो स्कूल शुरू किया जाएगा। इससे पहले कि हम कुछ और कहते उसने अपना फोन काट दिया। हम समझ सकते हैं कि शिक्षा विभाग कितना गंभीर है यदि जिला शिक्षा अधिकारी इन मुद्दों को हल करने में रुचि नहीं रखते हैं और केवल बैठकों में भाग लेकर प्रक्रिया को पूरा करने में रुचि रखते हैं, भले ही वह 11 छात्र एक स्कूल में अग्निस्नान करने की बात कर रहे हों। यदि जिला शिक्षा अधिकारी राज्यगुरु इस प्रश्न के समाधान के बारे में छात्रों के साथ तुरंत चर्चा नहीं करते हैं और यदि कोई छात्र गलत कदम उठाता है तो वह इसकी जिम्मेदारी स्वीकार करेगा।

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