सूरत : कोर्ट के आदेश के बाद गोटालावाड़ी टेनमेंट के 1304 परिवारों को राहत

कानूनी गतिरोध के कारण ठप पड़ा गोटालावाड़ी टेनमेंट पुनर्विकास कार्य

इस परियोजना के लिए सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा ऊंचाई थी जिसे हल किया गया
सूरत महानगरपालिका की कतारगाम गोतलवाड़ी टेनमेंट रिडेवलपमेन्ट परियोजना  पालिका और ठेकेदार के बीच में 1304 प्रभावित परिवारों की स्थिति गंभीर हो गई। नगर पालिका ने ठेकेदार को काली सूची में डालने के निर्णय को चुनौती देने के बाद कानूनी कार्यवाही में परियोजना ठप हो गई। फिलहाल कोर्ट के आदेश के बाद नगर पालिका ने दोबारा उसी ठेकेदार को काम सौंप दिया है।
गोतलवाड़ी टेनमेंट री-डेवलपमेंट प्रोजेक्ट अहमदाबाद की जे.पी.इस्कॉन को दिया। इस ऑपरेशन के लिए प्रस्तुत योजना के अनुसार, 35 मीटर की ऊंचाई की अनुमति दी गई थी। हालांकि टेंडर की शर्तों के तहत ठेकेदार ने 1304 मकानों, पुस्तकालयों और व्यावसायिक निर्माण के लिए 45 मीटर की ऊंचाई मांगी थी।  निगम ने ठेकेदार को काली सूची में डाल दिया था  जिसके बाद ठेकेदार ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी, अदालत ने ठेकेदार के पक्ष में फैसला सुनाया था। इस फैसले को नगर पालिका ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, सुप्रिम कोर्ट ने भी ठेकेदार के पक्ष में फैसला सुनाया था। इस फैसले के चलते निगम पर 19 करोड़ रुपये के बोझ के लिए जिम्मेदार व्यक्ति को खोजने और उसके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करने के लिए भी जांच सौंपी गई है। 
वर्तमान में नगर पालिका ने अदालत के आदेश के बाद गोतालावाड़ी टेनमेंट री-डेवलपमेंट प्रोजेक्ट को मंजूरी दे दी है। ठेकेदार द्वारा निगम को वाणिज्यिक प्रयोजन हेतु डबल बेसमेंट एवं ग्राउंड +9 मंजिला  निर्माण,  पार्सल-सी (प्लॉट-ए) में 44.90 मीटर, व्यावसायिक उद्देश्य के लिए तीन बेसमेंट एवं ग्राउंड +10 मंजिला निर्माण के लिए पार्सल-सी में निर्माण हेतु प्रस्तुत योजना के अनुसार (प्लॉट-बी) ग्राउंड निर्माण के लिए 44.34 मीटर, 15.90 मीटर के निर्माण के लिए स्वीकृत + प्लॉट-बी में पुस्तकालय निर्माण के लिए दो मंजिला और आवासीय उद्देश्य के लिए 43.90 मीटर ग्राउंड + पार्सल-ए और बी में 13 मंजिल के निर्माण के लिए स्वीकृती दी।
ठेकेदार द्वारा स्थल पर निर्माण के लिए आवश्यक उत्खनन प्रारंभ कर दिया गया है। सबसे बड़ी समस्या भवन की ऊंचाई को लेकर थी। एनएमए द्वारा प्रस्तुत विकास अनुमति फ़ाइल के अनुसार अधिकतम 44.90 मीटर तक निर्माण के लिए अनुमोदन के साथ ठेकेदार के पास अब कोई प्रश्न नहीं होगा। विशेष रूप से  सुप्रीम कोर्ट ने 1 अप्रैल, 2022 से  तीन साल के दौरान संपुर्ण निर्माण को पूरा करने के लिए कहा गया है। साइट पर संचालन शुरू होने से गोटालावाड़ी टेनेमेंट 1304 परिवारों को काफी राहत मिली है।
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