सूरत : भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा- मवेशियों के मुद्दे पर हाईकोर्ट के 'आदेश का पालन किया जाएगा'

चरवाहों को अपनी जिम्मेदारी स्वीकार करनी चाहिए और आवारा मवेशियों को नहीं छोड़ना चाहिएः हाईकोर्ट

हाई कोर्ट की दस्तक के बाद आवारा मवेशियों के मुद्दे पर बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सीआर पाटिल ने बयान दिया 
पिछले कुछ दिनों से गुजरात में आवारा पशुओं पर नए कानून को लेकर विवाद शुरू हो गया है। चरवाहों के विरोध के बाद राज्य सरकार ने कानून को स्थगित करने की तैयारी दिखाई है। तब गुजरात हाईकोर्ट ने आवारा मवेशियों के मुद्दे को संबोधित करते हुए कहा था कि चरवाहों को अपनी जिम्मेदारी स्वीकार करनी चाहिए और आवारा मवेशियों को नहीं छोड़ना चाहिए। इस दस्तक पर प्रतिक्रिया देते हुए सूरत में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष पाटिल ने कहा कि माननीय हाईकोर्ट ने जो भी इशारा भी किया है उसे राज्य सरकार लागू करेगी। कानून के कड़े प्रावधानों में ढील दी जाएगी साथ ही आदेश का पालन किया जाएगा।
आवारा मवेशियों के मुद्दे पर बयान देते हुए सीआर पाटिल ने कहा कि हर नगर पालिका और निगम का अपना कानून होता है, जिसका पालन किया जा रहा है। हाईकोर्ट ने कहा कि पशुपालकों को अपनी जिम्मेदारी स्वीकार कर अपने पशुओं को भटकने के लिए नहीं छोड़ना चाहिए। ग्रामीण क्षेत्रों में सभी घरों में गाये होती है गायों को घूमने नहीं देना चाहिए और प्लास्टिक जैसी चीजें नहीं खाए उसका ध्यान रखना चाहिए। हाईकोर्ट ने कहा कि चरवाहों को अपनी जिम्मेदारी स्वीकार करनी चाहिए और गायों के लिए चारे की व्यवस्था करनी चाहिए।
उन्होंने विधानसभा में पारित कानून को लेकर कहा कि आवारा पशुओं के लिए बने विधेयक में कानून का सख्त प्रावधान है  जिसे थोडा हलका किया जाऐगा। इसके लिए राज्य सरकार आवारा पशुओं के लिए भी समुचित व्यवस्था कर रही है। पंजरापोल में आवारा गायों के लिए सरकार की ओर से व्यवस्था की गई है। इसलिए सरकार ने संस्थाओं को एक पशु का प्रतिदिन 40 रुपये देने का फैसला किया है। आवारा पशुओं को लेकर हाईकोर्ट के निर्देश हैं। तदनुसार, चरवाहों को चारे सहित अपने स्वयं के आवास की व्यवस्था भी करनी चाहिए।

Tags: