सूरत : भाजपा प्रदेश अध्यक्ष को उम्मीद है कि अगले विधानसभा सत्र में आवारा पशुओं पर कानून को निरस्त कर दिया जाएगा

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सी आर पाटिल ने सूरत में उम्मीद जताई है कि अगले सत्र में आवारा पशुओं पर कानून स्थगित कर दिया जाएगा। पाटिल ने कहा कि गायों को रखने का लाइसेंस होना उचित नहीं है, भारी जुर्माना या जेल की सजा का फैसला उचित नहीं है।

आवारा पशुओं पर बने कानून पर पुनर्विचार के लिए मुख्यमंत्री से चर्चाः सी.आर.पाटिल
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सीआर पाटिल ने सूरत में उम्मीद जताई है कि अगले सत्र में आवारा पशुओं पर कानून स्थगित कर दिया जाएगा। पाटिल ने कहा कि गायों को रखने का लाइसेंस होना उचित नहीं है, भारी जुर्माना या जेल की सजा का फैसला उचित नहीं है।
भूपेंद्र पटेल की सरकार आने के बाद से कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए हैं, जिसमें आवारा पशुओं के संबंध में नए कानून का राज्य भर के चरवाहों द्वारा विरोध किया गया था। शुरुआत में सीआर पाटिल आवारा पशुओं के मुद्दे पर बार-बार बयान दे रहे थे। उन्होंने यह भी मांग की कि आवारा पशुओं के उत्पीड़न को कम करने के लिए व्यवस्था की जाए। लेकिन राज्य सरकार ने जिस तरह का कानून बनाया है, उसने कई नए सवाल खड़े कर दिए हैं। जिसके चलते सीआर पाटिल ने कहा कि मैंने मुख्यमंत्री से अपना परिचय दिया है और मुझे उम्मीद है कि अगले विधानसभा सत्र में इस कानून को निरस्त कर दिया जाएगा।
राज्य सरकार की ओर से पेश बजट में आवारा पशुओं की समुचित व्यवस्था के लिए राशि आवंटित की गई है। आवारा पशुओं को पिंजरों में रखने की समुचित व्यवस्था करने के उद्देश्य से प्रति गाय 40 रुपये देने की घोषणा की गई। कोई एनजीओ या अन्य संगठन आवारा पशुओं को रखता है तो सरकार की ओर से काफी मदद की बात कही जा रही थी। लेकिन इसके अलावा भूपेंद्र पटेल की सरकार को कानून के भीतर किए गए कुछ प्रावधानों का कड़ा विरोध करना पड़ा है।
भारतीय जनता पार्टी आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए किसी विवाद में नहीं पड़ना चाहती है। कांग्रेस ने आवारा पशुओं पर नए कानून का भी विरोध किया। कांग्रेस ने भी सरकार को घेरने की भरपूर कोशिश की। चूंकि गुजरात में बड़ी संख्या में लोग पशुपालन से जुड़े हैं, इस लिए हर गाय के लिए लाइसेंस प्राप्त करना उचित नहीं है।  आवारा पशुओं के मालिकों पर भारी जुर्माना लगाना उचित है और उन्हें जेल भेजना उचित नहीं है। सूरत में एक समारोह में शामिल हुए सीआर पाटिल ने कहा कि आवारा पशुओं को लेकर जो कानून बनाया गया है, उस पर पुनर्विचार के लिए मुख्यमंत्री से चर्चा की गई है। मेरी भावना है कि अगले विधानसभा सत्र में नया कानून निरस्त कर दिया जाएगा। मुख्यमंत्री को कानून के क्रियान्वयन में आने वाली सभी कठिनाइयों से अवगत कराया गया है।
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