सूरत : मवेशियों के कानून के खिलाफ प्रदर्शन, मालधारी समाज ने लगाया आवेदन पत्र

सूरत : मवेशियों के कानून के खिलाफ प्रदर्शन, मालधारी समाज ने लगाया आवेदन पत्र

रैली का आयोजन कर मालधारी द्वारा आवेदन पत्र कलेक्टर कार्यालय को सौंपा गया

मालधारी ने कानून के खिलाफ राज्यव्यापी आंदोलन शुरू करने की धमकी दी है
राज्य सरकार ने हाल ही में आवारा पशुओं पर एक नया कानून बनाया है। पूरे गुजरात में विरोध हो रहा है इसका विशेष रूप से मालधारी समुदाय द्वारा विरोध किया जा रहा है। इस काले कानून को खत्म करने की मांग शुरू हो गई है। यदि इस कानून को मालधारी समुदाय द्वारा शीघ्र वापस नहीं लिया गया तो गांधीनगर तक आंदोलन ले जाने की धमकी दी गयी है। आवारा पशुओं को लेकर स्थानीय अधिकारियों और पशुपालकों के बीच लगातार झड़प हो रही है। ऐसे कई मामले सामने आए हैं जहां मवेशी सड़कों पर चलने के कारण लोगों की जान चली गई है। लेकिन अहम बात यह है कि गौचर की जमीन नहीं रही। जो इलाका शहर के बाहर था अब इसे शहर में शामिल किया जा रहा है। इस वजह से शहर में मवेशियों के घूमने का नजारा देखने को मिल रहा है। रबारी समुदाय और मालधारी समुदाय द्वारा सरकार के इस फैसले का पूरे राज्य में विरोध हो रहा है। 
किरण रायका ने कहा, हम लगातार आवारा मवेशियों के संबंध में अभ्यावेदन दे रहे हैं। पूर्व में भी ऐसी कई घटनाएं हो चुकी हैं। सरकार जिस तरह का फैसला ले रही है। उसे देखकर लगता है कि मालधारी समाज पशुपालन का धंधा है जिसे सरकार खत्म करना चाहता है। आज गुजरात में कई परिवार ऐसे हैं जो सिर्फ जानवरों को पाल कर अपना गुजरान चला रहे हैं। अगर सरकार इस वजह से ऐसा फैसला लेती है तो इसका बुरा असर अमीर परिवारों पर पड़ेगा। आर्थिक बोझ तले यह समाज प्रताड़ित होगा। हमने सरकार से आग्रह किया है कि यह एक काला कानून है। अगर इसे वापस नहीं लिया गया तो आप आने वाले दिनों में आंदोलन के रूप में राज्यव्यापी कार्यक्रम देंगे।
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