सूरत : बारडोली से नाराज होकर घर से निकली महिला को समझाकर परिजनों को सौंपी अभयम टीम बारडोली

सूरत : बारडोली से नाराज होकर घर से निकली महिला को समझाकर परिजनों को सौंपी अभयम टीम बारडोली

बारडोली गार्डन के पास अकेली बैठी एक युवती की मदद करने के इरादे से एक व्यक्ति ने 181 महिला हेल्पलाइन पर कॉल किया

अभय टीम ने प्रभावी ढंग से काउंसिलिंग करते हुए कहा कि सुखी वैवाहिक जीवन को इस ढंग से बर्वाद नही करना चाह‌िए।
गत रोज बारडोली गार्डन के पास अकेली बैठी एक युवती की मदद करने के इरादे से एक व्यक्ति ने 181 महिला हेल्पलाइन पर कॉल किया, जिससे अभयम रेसक्यु टीम बारडोली स्थल पर पहुंच गई और जानकारी लेकर पति एवं बच्चों के पास भेज दिया। साथ ही मित्र के साथ घर भागी महिला की प्रभावी ढंग से काउंसिलिंग कर परिवार के साथ रहने को तैयार हो गई।
रिपोर्ट्स के मुताबिक किम के पास रहने वाली शादीशुदा महिला जैस्मिन के दो बच्चे हैं जो एक फैक्ट्री में काम करते हैं। साथी कर्मचारी के साथ मित्रता होने पर समय-समय पर मिलने तथा रिसेस के समय साथ में लंच करने से एक दूसरे के साथ भावनात्मक लगाव हो गया था, जिससे साथ रहने के लिए घर से निकल गई थी। महिला के पुरष मित्र को भी एक बच्चा है जो दिन में बारडोली गार्डन में रहता था। एक पुरुष मित्र का बच्चा घर पर बीमार था, दो-तीन बार मोबाइल आया और घर बुलाया, जिससे घर से निकल गई। देर शाम तक वापस नहीं पहुंचने तथा  मोबाइल से संपर्क करने की कोशिश की लेकिन मोबाइल बंद होने पर  जैस्मिन चिंता में थी। इस बीच किसी ने अभयम को कॉल कर दिया। 
अभयम की टीम ने जब उसके बारे में पूछताछ की तो उसने सही जानकारी नहीं दी। उसके पर्स से आधार कार्ड और उसके पति का संपर्क नंबर मिला। पति से बात करते हुए उसने कहा कि वह दो दिन से घर नहीं गई है, जिससे वह चिंतित है। उन्होंने अभयम टीम को पास रहने वाली मौसी के यहां छोड़ने की अपील की।  
अभय टीम ने प्रभावी ढंग से काउंसिलिंग करते हुए कहा कि सुखी वैवाहिक जीवन को इस ढंग से बर्वाद नही करना चाह‌िए।  एक साथ काम करने से भावनाएं मिलने पर दोस्ती पैदा हो सकती है, लेकिन इस तरह से घर छोड़ना उचित नहीं है। सामने वाला भी एक बालक के पिता है वह सिर्फ शारीरिक संबंध रखना चाहता है। इस गलत निर्णय से दो परिवार बर्बाद हो सकते हैं। 
टीम के सही मार्गदर्शन देने पर अपनी गलती स्वीकार की और अपने बच्चों और पति के साथ लौटने की इच्छा व्यक्त करते हुए उसे उसकी मौसी को सौंप दिया। इस प्रकार प्रभावी परामर्श करने पर घर से निकली विवाहिता को परिवार में लौटने के लिए तैयार किया।
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