सूरत : चैत्र मास की शुरुआत में वेडरोड गुरुकुल में हरिभक्तों को स्वस्थ रखने के लिए नीम का रस पिलाया

सूरत :  चैत्र मास की शुरुआत में वेडरोड गुरुकुल में हरिभक्तों को स्वस्थ रखने के लिए नीम का रस पिलाया

हरिभक्तों और छात्रों को समझाया नीम का महत्व

चैत्र मास की शुरुआत के साथ ही गर्मी और बढ़ेगी। वेडरोड गुरुकुल में हरिभक्तों और छात्रों को गर्मियों के दौरान और वर्ष के दौरान स्वस्थ रहने के लिए नीम सहित हर्बल जूस दिया गया। प्रभु स्वामी ने हरिभक्त छात्रों को बताया कि चैत्र मास की शुरुआत में ऋषियों ने उन्हें कड़वे नीम का रस थोड़ा सा सेंधा नमक के साथ पीने के लिए कहा है।
अगर इस जूस को रोजाना 15 दिनों तक पिया जाए तो पूरी गर्मी परेशान नहीं करती। साथ ही कोई गर्मी की बीमारी नहीं होगी। इसे मच्छरों को मारने के लिए धुआं किया जाता है। घर में खसरा या चेचक हो तो घर के दरवाजे पर नीम की शाखाएं बांधी जाती हैं। चर्म रोगों में नीम के पत्तों को पानी में उबालकर पानी से धो दिया जाता है। इसके बीज का तेल कृमिनाशक होता है। जिसका प्रयोग चर्म रोगों में किया जाता है। इस प्रकार नीम में रोग प्रतिरोधी और औषधीय गुण होते हैं।
प्रभुस्वामी ने कहा, पहले नीम के पत्तों को मध्यम गर्म पानी से धो लें। ताकि उस पर पड़े कीड़े निकल जाएं। धोने के बाद ग्राइंडर से जूस बना लें। ठंडा होने पर काली मिर्च और उचित मात्रा में सेंधा नमक डालें। थोड़ा सा गुड़ भी डाल सकते है। स्वामीनारायण गुरुकुल में शनिवार को  संतों ने हरिभक्त और विद्यार्थियों को नीम का रस पिलाया।
Tags: