सूरत : राष्ट्रीयकृत बैंकों के निजीकरण का विरोध, 28 और 29 मार्च को हड़ताल पर जाएंगे बैंक कर्मचारी

सूरत : राष्ट्रीयकृत बैंकों के निजीकरण का विरोध, 28 और 29 मार्च को हड़ताल पर जाएंगे बैंक कर्मचारी

देश भर के बैंक कर्मचारी और 10 ट्रेड यूनियनों के कर्मचारी 2 दिन की हड़ताल पर जाएंगे

देश भर में 10 ट्रेड यूनियनों के बैंक कर्मचारियों और कर्मचारियों ने देश के सार्वजनिक उद्यम उद्योगों पर प्रतिबंध और बैंक के निजीकरण सहित मुद्दों पर दो दिवसीय हड़ताल की घोषणा की है। हड़ताल में सूरत के बैंक कर्मचारी, एलआईसी कर्मचारी, बीएसएनएल कर्मचारी और आंगनबाड़ी बहनों को शामिल होना है। सरकार बार-बार निजीकरण का सहारा ले रही है। इसके चलते कर्मचारियों का शोषण हो रहा है।
जो बैंक कर्मचारियों की प्रमुख मांगें हैं। इनमें पुरानी पेंशन योजना का क्रियान्वयन, नव अधिनियमित कानून का क्रियान्वयन न होना, मूल्य वृद्धि पर नियंत्रण, आशा कार्यकर्ताओं एवं आंगनबाडी महिलाओं का न्यूनतम वेतन, एनपीए की वसूली आदि मुद्दों पर हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया गया है। देशभर के सरकारी कर्मचारी सरकार के निजीकरण का विरोध कर रहे हैं। सरकार कर्मचारियों का भविष्य तय कर रही है, जिससे चिंतित हैं। 
गुजरात बैंक वर्कर्स यूनियन के संयुक्त सचिव ने कहा कि गुजरात के राष्ट्रीयकृत बैंकों के 25,000 कर्मचारी हड़ताल में शामिल होने वाले हैं। सरकार ने निजीकरण की मानसिकता से ही फैसले लिए हैं। जिसका आप सभी कर्मचारी विरोध कर रहे हैं। हम कई वर्षों से सरकार से पुरानी पेंशन योजना को लागू करने की मांग कर रहे हैं। बैंक कर्मचारियों के साथ-साथ विभिन्न ट्रेड यूनियनों, आंगनबाड़ियों आदि की बहनों के भी हड़ताल में शामिल होने की उम्मीद है। उनके पास कई मुद्दे भी हैं। जिसे सरकार को स्वीकार करना चाहिए। सरकार हमारी किसी भी मांग को नहीं मान रही है। इसको लेकर कर्मचारियों में खासी नाराजगी है। इसी के प्रतीक के रूप में हमने एक बार फिर 28 और 29 मार्च को हड़ताल पर जाने का फैसला किया है।
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