सूरत : नगर निगम और पुलिस के 76 कर्मचारियों के परिवारों को मरणोपरांत सहायता देने में सरकार विफल

सूरत :  नगर निगम और पुलिस के 76 कर्मचारियों के परिवारों को मरणोपरांत सहायता देने में सरकार विफल

कोरोना से सूरत पुलिस और नगर निगम के १०८ कर्मचारीयों की कोरोना से मौत हुई थी, सरकार द्वारा घोषित सहायता से अभी भी ७६ मृतकों के आश्रित वंचित

कर्मचारी के आश्रितों को 25 लाख रुपये की सहायता प्रदान करने का प्रस्ताव पारित किया गया
कोविड-19 के तहत मरने वाले सरकारी और अर्ध-सरकारी स्वास्थ्य कर्मचारियों और कर्मचारियों के आश्रितों को राज्य सरकार द्वारा 25 लाख रुपये की सहायता प्रदान करने का प्रस्ताव पारित किया गया था।  कोविड-19 अंतर्गत मृत्यु होनेवाले सरकारी अर्धसरकारी कर्मचारीओं को केंद्र सरकार द्वारा प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज (पीएमजीकेपी) के तहत 50 लाख रुपये की सहायता देने की घोषणा की गयी थी। हालांकि आरटीआई ने चौंकाने वाला खुलासा किया है कि सरकार सूरत में 73 फीसदी मृतक कर्मचारियों के परिवारों को सहायता प्रदान करने में विफल रही है। सूरत नगर निगम के करीब 6633 कर्मचारी कोविड-19 महामारी से प्रभावित थे जिनमें से करीब 95 कर्मचारियों की इस महामारी से मौत भी हो गई। सूरत शहर पुलिस विभाग के कई कर्मचारी कोविड-19 महामारी के शिकार हो चुके हैं। जिसमें से 9 कर्मचारियों की भी इस महामारी से मौत हो गई, तो दोनों सरकारी संगठनों के 104 कर्मचारी कोविड-12 के शिकार हो गए हैं। 
सूरत नगर निगम द्वारा भेजी गई सूचना के अनुसार कोविड-19 से मरने वाले 14 कर्मचारियों को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज के तहत 50 लाख रुपये की सहायता दी गई है। राज्य सरकार द्वारा घोषित पैकेज के तहत 10 कर्मचारियों को 25 लाख रुपये की सहायता दी गई है। निगम ने 24 कर्मचारियों को सरकारी सहायता प्रदान की है। 71 कर्मचारियों के आश्रित अभी भी इस सहायता से वंचित हैं। 
सूरत पुलिस विभाग में कोविड ​​​​-19 के तहत मरने वाले 4 कर्मचारियों को राज्य सरकार द्वारा घोषित पैकेज के तहत 25 लाख की सहायता प्रदान की गई है। 4 अन्य कर्मचारियों के प्रस्ताव स्वीकृति के लिए गृह विभाग को भेजे गए हैं। दोनो विभागों में कोविड-19 के भोग बने 104 सरकारी कर्मचारीओं में से मात्र 28 को ही सरकारी सहायता मिली है। अभी भी पुलिस और नगर निगम विभाग के 76 कर्मचारियों के आश्रित इस मदद का इंतजार कर रहे हैं।
सूरत नगर निगम और सूरत शहर पुलिस विभाग के 76 कर्मचारियों के आश्रितों को अभी तक राज्य और केंद्र सरकार की योजनाओं से कोई लाभ नहीं मिला है जो कि अनुचित है। कोविड महामारी में लोगों की सेवा कर रहे सरकारी कर्मचारियों के आश्रितों को पर्याप्त मुआवजा देना सरकार का कर्तव्य है। संजय इजावा ने  मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर कोविड-19 में मरने वाले किसी भी कर्मचारी के आश्रितों को इस सहायता योजना से दूर न रखे जाने और तत्काल आधार पर उचित मुआवजा और सहायता प्रदान करने के लिए उचित कार्रवाई करने को कहा है। 
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