सूरत शहर के 231 में से 101 छात्र यूक्रेन से लौट चुके हैं, 130 का अभी भी इंतजार है

सूरत शहर के 231 में से 101 छात्र यूक्रेन से लौट चुके हैं, 130 का अभी भी इंतजार है

130 छात्र अभी भी रोमानिया, पोलैंड और हंगरी की सीमा पर घर लौटने की कोशिश कर रहे

रूस और युक्रेन के बीच चल रहे भीषण युद्ध का आज नौवां दिन है। रूस के लगातार हो रहे हमले के कारण युक्रेन और उसके आसपास के इलाकों की स्थिति बहुत दयनीय हो चुकी है। गुजरात समेत भारत के विभिन्न नागरिक और वहां पढ़ाई के लिए गये विद्यार्थी इस युद्ध स्थिति में फंसे हुए है। भारत सरकार ‘ऑपरेशन गंगा’ के तहत अपने नागरिकों और विद्यार्थियों को निकालने में जुटी हुई है। भारत सरकार और गुजरात सरकार लगातार अपने नागरिकों को वापस लाने में लगी हुई है।
बता दें कि सूरत शहर में कल कुल 37 छात्र वापस आए। जिनमें से 34 छात्र एक वॉल्वो बस में और तीन छात्र अपने आप घर पहुंचे। 24 तारीख को रूस ने युक्रेन पर हमला किया जिसके बाद वहां के हालत बिगड़ने लगे और लोग वहां फंस गये। किसी तरह आठ दिन में तमाम मुश्किलें देखने के बाद बड़ी कठिनाईयों का सामना करते हुए ये लोग अपने घर वापस आने में सफल रहे। लगातार हो रहे हमलों और गोलाबारी के बीच सरहद पार करना, भूखे-प्यासे रहना, बर्फ और जानलेवा ठंड, युक्रेन के सैनिकों का दुर्व्यवहार झेलना, लंबी दुरी तक पैदल चलकर सुरक्षित स्थान तक पहुँचने जैसी समस्याओं का सामना करते हुए ये लोग अपने वतन वापस आने में सफल रहे।
बता दें कि युक्रेन से पोलैंड में प्रवेश करने के बाद भारतीय दूतावास ने भी इन विद्यार्थियों की बहुत मदद की। युक्रेन के रवैये के बीच अपने नागरिकों के लिए समर्पित दूतावास द्वारा प्रदान की जाने वाली सुविधाओं और सहायता को भुलाया नहीं जा सकेगा। साथ ही सूरत के कक्षा -1 अधिकारियों द्वारा यूक्रेन में पढ़ने गए छात्रों के घर जाकर जानकारी ली गई। इस जानकारी के अनुसार सूरत में से युक्रेन गये कुल 231 छात्रों में से 88 अपने घर पहुंच चुके हैं। जबकि अन्य विद्यार्थी दिल्ली-मुंबई हवाईअड्डे पर हैं यानी अब तक 101 विद्यार्थी अपने घर लौट चुके हैं। बाकी के 130 छात्र अभी भी रोमानिया, पोलैंड और हंगरी की सीमा पर है और घर लौटने की कोशिश कर रहे हैं। इनमें से 108 छात्रों के रोमानिया और पोलैंड के शेल्टर होम में बताए जा रहे हैं।
इन सबके बाद भी युक्रेन से सही सलामत घर वापस आये विद्यार्थी अपनी पढ़ाई को लेकर चिंतित है। कुछ छात्र अपने अंतिम वर्ष की पढ़ाई कर रहे जबकि कुछ दुसरे साल में है! ऐसे में इस हमले से इन विद्यार्थियों का भविष्य अंधकारमय हो चुका है।
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