खर्कीव रेलवे स्टेशन पर सूरत के छात्र और उसके दोस्तों को यूक्रेन सैनिकों ने ट्रेन में नहीं चढ़ने दिया और फिर...

खर्कीव रेलवे स्टेशन पर सूरत के छात्र और उसके दोस्तों को यूक्रेन सैनिकों ने ट्रेन में नहीं चढ़ने दिया और फिर...

पैदल ही तय करने निकले 40 किलोमीटर की दुरी

रूस और युक्रेन के बीच चल रहे भीषण युद्ध का आज नौवां दिन है। रूस के लगातार हो रहे हमले के कारण युक्रेन और उसके आसपास के इलाकों की स्थिति बहुत दयनीय हो चुकी है। गुजरात समेत भारत के विभिन्न नागरिक और वहां पढ़ाई के लिए गये विद्यार्थी इस युद्ध स्थिति में फंसे हुए है। भारत सरकार ‘ऑपरेशन गंगा’ के तहत अपने नागरिकों और विद्यार्थियों को निकालने में जुटी हुई है। इन सबके बीच यूक्रेनी सैनिकों द्वारा भारतीयों के साथ बर्बरता करने के भी मामले सामने आये है। वतन वापस आ रहे लोग बता रहे है कैसे युक्रेन के सैनिक ना सिर्फ उन्हें मार रहे है बल्कि उनके युक्रेन से बाहर निकलने के मार्ग को कठिन बना रहे है। इस बीच एक ऐसी ही एक घटना की जानकारी सामने आई है जहाँ सूरत ने एक विद्यार्थी समूह को युक्रेन छोड़ने के जरुरी ट्रेन में प्रवेश ही नहीं करने दिया गया।
जानकारी के अनुसार यूक्रेन में इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे सूरत पुणे विस्तार के छात्रों और दोस्तों को यूक्रेन के सैनिकों द्वारा खार्किव रेलवे स्टेशन पर ट्रेन में चढ़ने की अनुमति नहीं दी गई थी। ऐसे में ये लोग पैदल ही 40 किलोमीटर दूर रूस की सीमा तक पहुंचने के लिए निकल पड़े। सूरत के पुणे इलाके में आयुर्वेदिक क्लीनिक चलाने वाले डॉ। दिनेश कनाबर के बेटे दीप कनाबर यूक्रेन में इंजीनियरिंग के आखिरी साल की पढ़ाई कर रहे हैं और फिलहाल युद्ध के कारण वह खार्किव में फंस गया था।
माता-पिता से हुई बातचीत के मुताबिक दीप और उसके दोस्त चार-पांच दिन बंकर में रहे। बुधवार की सुबह भारत सरकार द्वारा भारतीयों को खार्किव छोड़ने का निर्देश दिए जाने के बाद, दीप और दोस्तों ने एजेंटों और भारतीय दूतावास की मदद से ट्रेन से पोलिश या हंगेरियन सीमा तक पहुंचने का फैसला किया। वे समय पर खार्किव रेलवे स्टेशन पर पहुंचे, लेकिन वहां उन्हें युक्रेन के सैनिकों द्वारा ट्रेन में चढ़ने से रोक दिया गया। इसके बाद उन्हें पैदल ही सफ़र करना पड़ा। फिलहाल दीप और उसके दोस्त सुरक्षित हैं और माता-पिता के संपर्क में हैं, लेकिन वे भारत आने के लिए जल्दी मदद मिलने की उम्मीद कर रहे हैं।
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