सूरत : किसान समाज की बैठक में हजीरा से गोठान गांव तक नए रेलवे ट्रेक के लिए भूमि अधिग्रहण का विरोध

सूरत : किसान समाज की बैठक में हजीरा से गोठान गांव तक नए रेलवे  ट्रेक के लिए भूमि अधिग्रहण का विरोध

सूरत में किसानों के भूमिहीन होने की संभावना , 14 गांवों के 270 किसानों की बैठक में सूरत के हजीरा से गोठान गांव तक रेलवे भूमि अधिग्रहण का विरोध

किसान समाज की जहांगीरपुरा किसान समिति के कार्यालय में एक अहम बैठक हुई
सूरत के हजीरा से गोठान तक नया रेलवे ट्रैक शुरू करने के लिए भूमि अधिग्रहण की अधिसूचना जारी कर दी गई है।  घोषित अधिसूचना का किसानों ने विरोध किया है। जहांगीरपुरा किसान समिति के कार्यालय में भूमि अधिग्रहण को लेकर बुधवार दोपहर को एक महत्वपूर्ण बैठक हुई। 
 जिसमें 14 गांवों के करीब 270 किसान जमा हुए। किसानों ने मांग की है कि इस रेलवे ट्रैक की कोई जरूरत नहीं है जो मौजूदा रेलवे ट्रैक है उसीका उपयोग किया जाए। ताकि किसानों को अपनी जमीन न छोड़नी पड़े और सरकार को भी इसी तरह से योजना बनाए ताकि किसानों की परेशानी न बढ़े। सरकार ने हजीरा स्थित औद्योगिक इकाइयों को लाभ पहुंचाने के लिए रेलवे ट्रैक लाने का फैसला किया है। अहम बात यह है कि इस रेलवे ट्रैक से जमीन अधिग्रहण से निजी कंपनियों को ही फायदा होगा। कोई सरकारी कंपनी और उसके फायदे नहीं। फिर भी सरकार जमीन अधिग्रहण करने की कोशिश कर रही है। 
एक ही ट्रैक पर 
मौजूदा जो ट्रेक है उसी ट्रेक पर अतिरिक्त ट्रेने चलाई जाए  उस प्रकार की व्यवस्था होने के बावजुद सरकार डबल ट्रेक बनाने की गलत मानसिकता के कारण यह स्थिति पैदा हुई है।  चूंकि भूमि अब शहरी क्षेत्र में स्थित है  इसलिए सरकार करोड़ों रुपये की किसानों की भूमि का दुरुपयोग कर औद्योगिक घरानों को लाभ पहुंचाने की कोशिश कर रही है। 
गुजरात किसान समाज के अध्यक्ष रमेश पटेल ने कहा कि जिन गांवों में भूमि अधिग्रहण होना था, उनमें से कुछ किसान आज की बैठक में मौजूद थे। किसानों तक भूमि अधिग्रहण संबंधित नोटिस के पहुंचने से अब किसान लड़ाई के मूड में हैं। सरकार समय-समय पर विकास के नाम पर किसानों से जमीन का अधिग्रहण करती है और इसका किसानों पर बड़ा असर पड़ रहा है। वर्तमान में स्थिति यह है कि किसानों के पास विकास कार्यों के लिए जो जगह थी, उसमें से अधिकांश को सरकार ने अपने कब्जे में ले लिया है। अब लगता है कि किसान भूमिहीन हो गए हैं। फिर भी सरकार किसानों की जमीन पर कब्जा करने के लिए संघर्ष कर रही है। 
हजीरा से गोठान तक नई रेल पटरी पर काम शुरू करने की सरकार की मानसिकता का सभी किसान एकजुट होकर विरोध कर रहे हैं और किसी भी कीमत पर सरकार से जमीन न देने की अपील कर रहे हैं। 
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