सूरत : यूक्रेन से लौटे इन 2 छात्रों के संस्मरण जानिए, अंधाधुंध गोलीबारी के बीच पैदल 14 किलोमीटर चले!

सूरत : यूक्रेन से लौटे इन 2 छात्रों के संस्मरण जानिए, अंधाधुंध गोलीबारी के बीच पैदल 14 किलोमीटर चले!

भारत के कई विद्यार्थी और नागरिक रूस और युक्रेन के बीच युद्ध क्षेत्र में फंस

रूस और युक्रेन के बीच आज सात दिन से भीषण युद्ध चल रहा है। ये लड़ाई दिन-बा दिन गंभीर रूप लेती जा रही है। इस बीच भारत के कई विद्यार्थी और नागरिक इस युद्ध क्षेत्र में फंस गये थे। भारत सरकार ऑपरेशन गंगा के तहत इन नागरिकों को युद्ध क्षेत्रों से निकालने में जुटी हुई है। इस बीच युद्धग्रस्त यूक्रेन में फंसे रिद्धि और तीर्थ नाम के दो छात्रों में अपनी भयावह आपबीती साझा की है। युद्ध क्षेत्र में लगातार गोलीबारी के बीच एक भयानक माहौल में रोमानियाई सीमा पर 14 किलोमीटर की यात्रा के बाद घर लौटे ये दोनों एक बार फिर अपने परिवारों से मिल गए।
आपको बता दें कि रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध के बाद, यूक्रेन में रहने वाले भारतीय छात्रों को भारत सरकार लगातार रेस्क्यू करने में लगी है। इसके लिए युक्रेन में रह रहे विद्यार्थियों को युक्रेन से पोलैंड और रोमानिया तक आना है जहाँ उन्हें भारत सरकार की मदद उपलब्ध हो जाएगी। युक्रेन में फंसे इन विद्याथियों में से सूरत के दो छात्र रिदवी प्रवीणभाई खोखरिया  और तीर्थ रजनीभाई पिपलिया आज यूक्रेन से घर वापस आए। अपने बच्चों को सही सलामत देख परिवार वालों की खुशियों की सीमा नहीं है।
घर वापस आने के बाद इन दोनों ने अपने अनुभवों के बारे में बात की। युद्ध के तनाव और अपने परिवार के साथ मिलन की खुशी के बीच तीर्थ ने बताया "हमने यूक्रेन में बोत्सवाना विश्वविद्यालय में अध्ययन किया और वहां रहते थे। युद्ध के बाद, रोमानिया को स्वदेश लौटने के लिए सीमा तक पहुँचने के लिए बहुत संघर्ष करना पड़ा। ये दोनों बाय रोड वाहन रोमानिया बॉर्डर की ओर जा रहा था। उस समय रोमानिया को सीमा से 12 किमी दूर उतर दिया गया। फिर रोमानियाई सीमा तक पहुंचने के लिए 15 किलोमीटर पैदल चलना पड़ा। इस 15 किमी में कभी भी फायरिंग हो रही थी। जिसके बीच डरे हुए रोमानियन सीमा पर पहुंच गए। वहां पहुँचने पर भारत सरकार द्वारा ऑपरेशन गंगा के तहत ये लोग मुंबई आ गए। रोमानिया में एक बार भारत वापसी का रास्ता आसान हो जाता है। रोमानिया में भारतीय दूतावास से काफी मदद मिल रही है।
मुंबई एयरपोर्ट पर जब उनके माता-पिता उन्हें लेने गए तो छात्रों की आंखों से आंसू छलक पड़े। ये दोनों अपने परिवार के साथ फिर से जुड़कर खुश था।
Tags: