यूक्रेन में फंसे कुछ छात्रों के पास पैसे खत्म, कुछ रेलवे स्टेशनों पर शरण लिये, सूरत कलेक्टर ने अभिभावकों से ये कहा

यूक्रेन में फंसे कुछ छात्रों के पास पैसे खत्म, कुछ रेलवे स्टेशनों पर शरण लिये, सूरत कलेक्टर ने अभिभावकों से ये कहा

सूरत और दक्षिण गुजरात के विभिन्न विश्वविद्यालयों के 1000 से अधिक छात्र युक्रेन में फंसे

रूस द्वारा उक्रेन पर हमला किए जाने से वहां के शहरों में पढ़ रहे सूरत समेत गुजरात के छात्रों पर संकट के काले बदल छाये हुए है। इन बच्चों के चिंतित अभिभावकों ने बैठक कर सुरक्षित वापसी के लिए जिला कलेक्टर से संपर्क किया। वर्तमान में आपदा प्रबंधन में लगे 29 छात्रों के अभिभावकों से संपर्क किया गया है। हालांकि ट्रैवल्स के सूत्रों के मुताबिक यह संख्या 1000 से ज्यादा है।
आपको बता दें कि रूस पिछले कई दिनों से यूक्रेन पर कहर बरपा रहा है। दो यूक्रेनी शहरों पर कब्जा करने के साथ बमबारी शुरू होने के बाद से स्थिति और खराब हो गई है। जिसमें सूरत से यूक्रेन के अलग-अलग शहरों के मेडिकल कॉलेजों में पढ़ने गए छात्रों की हालत बिगड़ गई है। चिंतित अभिभावकों ने स्थानीय नगरसेवक दीपेश पटेल से संपर्क किया और मांग की कि उक्रेन में फंसे उनके बच्चों को सुरक्षित वापस लाया जाए। सूरत के जिला कलेक्टर ने कहा कि जैसे ही युद्ध शुरू हुआ हमसे विवरण मांगा गया और अब तक 6 छात्रों के माता-पिता ने हमसे संपर्क किया है। और एमो ने इन सभी छात्रों की जानकारी विदेश मंत्रालय को भेज दी है।
सूत्रों के अनुसार, सूरत और दक्षिण गुजरात के विभिन्न विश्वविद्यालयों के 1000 से अधिक छात्र वहां चिकित्सा का अध्ययन करने के लिए रहते हैं। और उनकी हालत ऐसी है कि उनके लिए घर लौटना मुश्किल है क्योंकि वे घर से बाहर नहीं निकल सकते हैं। वहां आपातकाल हालत में फंसे छात्रों ने बताया कि वहां हालात तेजी से बिगड़ते जा रहे हैं। कुछ दिनों में खाने-पीने के सामान की भी दिक्कत होने लगेगी। एटीएम खाली हो गए हैं, इसलिए बच्चों के पास खर्च के लिए पैसे तक नहीं बचे हैं।'

जिन छात्रों से संपर्क नहीं किया गया है, उनके माता-पिता विवरण भेजें: सूरत कलेक्टर
यूक्रेन में युद्ध की स्थिति को देखते हुए सूरत जिला कलेक्टर आयुष ओक ने कहा कि आपदा प्रबंधन कार्यालय में वर्तमान में यूक्रेन में पढ़ रहे छात्रों की संख्या का विवरण मांगा जा रहा है। माता-पिता को अपने बच्चों का विवरण आपदा प्रबंधन को भेजना होगा। यदि सूरत जिले के छात्र हैं तो उन्हें संबंधित मामलातदार को विवरण देना होगा। उन्होंने आगे कहा कि अगर यूक्रेन में पढ़ने वाले बच्चे संपर्क नहीं हो पा रहा या जिनसे बात नहीं हो रहा तो हमें संपर्क करना होगा। माता-पिता को छात्र की अनुबंध संख्या, उनका पता, उस विश्वविद्यालय का पता जहां वह पढ़ रहा है, और पासपोर्ट भेजना होगा। यह सब हम विदेश मंत्रालय को भेजेंगे।

यूक्रेन में इन विश्वविद्यालयों में पढ़ते हैं छात्र
बता दें कि सूरत और दक्षिण गुजरात के विभिन्न छात्र जिन विश्वविद्यालयों में अध्यनरत है उनमें लेविल मेडिकल कॉलेज, बुकोविनिया मेडिकल कॉलेज, विनीशियन मेडिकल कॉलेज, कीव नेशनल मेडिकल कॉलेज, टर्नोपिल नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी, सुमी मेडिकल यूनिवर्सिटी, शिनो नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी, खार्किव नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी, ब्लैक शी नेशनल यूनिवर्सिटी शामिल है।
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