
सूरत : मोबाइल गेम के चक्कर में पैसे खर्च कर घर छोड़ने वाला लड़का यूपी में अपने दादा-दादी के पास सुरक्षित
By Loktej
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आजकल बच्चों में मोबाइल गेम की मानो लत लगने जैसी स्थिति बन गई है। कोरोना काल में वैसे भी स्कूल और ट्यूशन की पढ़ाई ऑनलाइन होती है। बच्चों की पढ़ाई में कोई कसर न पड़ जाए इसके लिए अभिभावक भी अपने बच्चों को मोबाइल और कंप्यूटर सुलभ करा रहे हैं। इंटरनेट की आसान उपलब्धता के कारण बच्चे भी पढ़ाई के अलावा ऑनलाइन गेम खेलने में अपना वक्त जाया कर रहे हैं। कभी-कभी इन्हीं ऑनलाइन गेम के चक्कर में आपराधिक और पारिवारिक मुश्किलों की स्थिति पैदा हो रही है। ऐसा ही एक वाकया विगत दिनों सूरत में हुआ।
मामला ऐसा था कि शहर के पांडेसरा जीआईडीसी की मील में नौकरी करने वाले और मूल रूप से उत्तर प्रदेश के रहने वाले प्रवीण नामक शख्स ने अपनी पत्नी के बैंक अकाउंट में कुछ राशि जमा कर रखी थी। रुपयों की आवश्यकता पड़ने पर जब पता किया तो बैंक में बैलेंस लगभग 5900 रूपये कम था। अभिभावकों ने पता लगाया तो उन्हें यह जानकारी मिली कि उनके अकाउंट से फोनपे के माध्यम से छोटी-छोटी राशि नियत समय पर कटती गई। अधिक जानकारी जुटाने पर यह पता चला की उनके सातवीं कक्षा में पढ़ने वाले बेटे ने ही ऑनलाइन गेम के चक्कर में यह पैसे खर्च किए थे। जब अभिभावकों को इस बात का पता चला कि पैसे बेटे नहीं खर्च किए हैं तो बेटा घबरा गया और घर पर अपने छोटे भाई को यह बता कर निकल गया कि उसने मोबाइल गेम के पीछे पैसे खर्च कर दिए हैं और अब वह घर छोड़कर जा रहा है।
इस घटनाक्रम के बाद परिवार में सनसनी सी मच गई। घर छोड़कर गए पुत्र की खोज की गई और पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई। कुछ दिनों की पड़ताल के बाद अब पता चला है कि घर छोड़ कर गया लड़का ट्रेन में बैठ गया था और उत्तर प्रदेश अपने वतन में अपने दादा-दादी के पास सुरक्षित पहुंच गया है। अपने बच्चे की के सही सलामत होने की जानकारी मिलने के बाद परिवार में अब शांति है। लेकिन इस घटना से यह सबक मिलता है कि मोबाइल गेम एक खतरनाक स्थिति पैदा कर सकती हैं और बच्चों और अभिभावकों दोनों को ही इसके जंजाल से बचना चाहिए।
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