सूरत : फोस्टा के चुनाव न करवाने या टालने का तो विकल्प ही नहीं है!

टेक्सटाइल युवा ब्रिगेड के ललित शर्मा ने कोर-कमिटी की रचना को चुनाव से ध्यान भटकाने का पैंतरा बताया

सूरत के सबसे बड़े कपड़ा संगठन में लंबित चुनाव को लेकर पिछले दिनों से चल रही बहस और मुहिम अपने परवान पर है। पिछले कई वर्षों से चुनाव करवाने को लेकर समय-समय पर सोशल मीडिया में मांगें उठती रहीं लेकिन मामला किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचा। लेकिन विगत दिनों जीएसटी दर वृद्धि के मसले पर जिस प्रकार राजनीति हलकों में फोस्टा की गूंज पहुंची, उसके बाद से संगठन में लोकतांत्रिक प्रक्रिया शुरु करने की सुगबुगाहट शुरु हुई है।
आपको बता दें कि अब तक जब-जब फोस्टा के चुनाव की मांग उठाई गई, वर्तमान पदासीन नेतृत्व चुप्पी साधे रहता था। लेकिन धरातल पर हालात बदलते देख 3 फरवरी, 2022 को फोस्टा की ओर से प्रेस विज्ञप्ति जारी कर दावा किया गया कि फोस्टा के कार्यकारिणी और सलाहकार सदस्यों की 1 फरवरी, 2022 को बैठक हुई है जिसमें एक कोर-कमिटी के गठन की प्रक्रिया शुरू की गई है। यह एक प्रकार से सकारात्मक पहल है जिसका व्यापारिक हलकों में स्वागत भी हुआ। लेकिन स्थानीय मीडिया को दिये साक्षात्कार में फोस्टा प्रमुख ने जो बात की है, उससे व्यापारियों में फिर संशय पैदा हो रहा है।
गुजराती समाचार पत्र दिव्य भास्कर को दिये साक्षात्कार में फोस्टा प्रमुख ने कहा है कि फेडरेशन के चुनाव होंगे या नहीं इस बात का निर्णय कोर कमिटी करेगी। यह बयान चौंकाने वाला है। फोस्टा के पास चुनाव न करवाने या टालने का तो विकल्प ही नहीं है। वर्तमान कार्यकारिणी को 2015 में पदासीन किया ही इसलिये गया था कि वे चुनाव करवाकर संगठन में लोकतांत्रित व्यवस्था कायम करे।
इस बाबत टेक्सटाईल युवा ब्रिगेड के अध्यक्ष ललित शर्मा ने अपने बयान में कहा है कि फोस्टा द्वारा कोर-कमिटी का गठन केवल चुनाव से ध्यान भटकाने के लिए एक पैंतरा है। जिन्होंने आज तक वार्षिक साधारण सभा नहीं बुलाई, कभी भी सारे डायरेक्टर्स की मीटिंग नहीं की, कभी भी मिनिट बुक मेंटेन नहीं की, वो अगर 150 मार्केट से एक-एक सदस्य लेकर कोर कमिटी बना रहे हैं, तो यह किसी भी संगठन की सबसे बड़ी कोर कमिटी होगी। जो व्यक्ति 30 सदस्यों को इकट्ठा नहीं कर पाए वो अब 150 को इकट्ठा करेंगे तो कुल मिलाकर यही होगा कि ‘न नो मन तेल होगा, न राधा नाचेगी।’
ललित शर्मा ने अपनी प्रतिक्रिया में आगे बताया कि फोस्टा प्रमुख कह रहे हैं कि कोर कमेटी चुनाव का निर्णय करेगी, तो यह समझ से बाहर की बात है। जब उनको प्रमुख ही चुनाव करवाने के लिए बनाया गया था, तो उन्होंने उसी समय यह क्यों नहीं कहा? यह ब्रह्मज्ञान अभी क्यों आया, इतने दिन क्या घुइयां छील रहे थे?
उन्होंने कहा कि चुनाव कराने की मांग के साथ नवगठित फोस्टा एक्शन कमेटी फोस्टा कर्ताधर्ताओं के किसी भी भुलावे में नहीं आने वाली है। हम जानते हैं कि यह केवल एक शगूफा है। इसलिए हमारे रवैये में कोई बदलाव नहीं आएगा। संस्था की छवि को पुनः पहले जैसा बनाने के लिए हम चुनाव की मुहिम को तिथि की घोषणा होने तक चालू रखेंगे।
आपको बता दें कि फोस्टा द्वारा कोर-कमिटी का गठन सही दिशा में उठाया गया फैसला अवश्य है, लेकिन फोस्टा ने कहीं कोई समय-सीमा इंगित नहीं की है। कोर-कमिटी कब तक पूरी तरह बन जायेगी, कब इसकी बैठक होगी, कमिटी का एजेंडा क्या होगा और चुनाव करवाने के लिये किस समय-सीमा में कमेटी अपना काम पूरा कर लेगी, इसको लेकर कुछ भी स्पष्ट नहीं है। सूरत के कपड़ा मार्केटों के इस सबसे बड़े संगठन में लोकतांत्रिक व्यवस्था कायम करने के लिये बेहतर होगा कि फोस्टा के पदाधिकारी साफ मन से पूरी पारदर्शिता के साथ चुनाव प्रक्रिया निश्चित समय-सीमा के अंदर पूरी करने का खाका व्यापारियों के समक्ष घोषित करें। 
इसमें कोई दो राय नहीं कि इस बार फोस्टा में चुनाव कराने और लोकतांत्रिक ढंग से कार्यकारिणी के चुनने के घटनाक्रम पर इक्का-दुक्का व्यापारी अग्रणियों/संगठनों की नहीं, अपितु आला राजनीतिक चेहरों की भी नजर है और उनकी आंखों में धूल झोंकने की कोई भी कोशिश कारगर सिद्ध नहीं होगी।
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