सूरत : कोरोना के बढ़ते मामलों के बावजूद बेखौफ इधर-उधर घूमते नजर आ रहे हैं लोग

सूरत : कोरोना के बढ़ते मामलों के बावजूद बेखौफ इधर-उधर घूमते नजर आ रहे हैं लोग

नगर पालिका द्वारा अलग-अलग जगहों पर बोर्ड लगाये जाने के बावजूद लोगों में बरती जा रही लापरवाही

पॉश इलाकों में शिक्षा ज्यादा होने पर भी लोग नियमों का पालन नहीं करते
सूरत शहर में संक्रमणों की संख्या सबसे अधिक है। तीसरी लहर में नगर पालिका का ठवां जोन कोरोना स्पॉट बन गया है। इस क्षेत्र में प्रवेश करते ही नगर पालिका ने तुम संक्रमित जोन में प्रवेश कर रहे हो ऐसा होर्डिंग लगा दी है। साथ ही साथ होर्डिंग्स में जगह-जगह कोरोना के दिशा-निर्देशों को दर्शाने वाले संदेश दिए गए हैं।  इस क्षेत्र में अधिकांश पॉश इलाके और सबसे अधिक  लोग शिक्षित होने के बावजूद, क्षेत्र में सबसे ज्यादा कोरोना गाइड लाइन का उल्लंघन किया जा रहा। विभिन्न क्षेत्रों में लोगों की लापरवाही बड़े स्तर पर देखने को मिल रही है। अलग-अलग इमारतों और सोसायटी के बाहर ट्रांजिट बोर्ड होने के बावजूद लोग बिना मास्क के घूम रहे हैं। साथ ही यह भी सामने आया है कि सोशल डिस्टेंस का ठीक से पालन नहीं हो रहा है।
अठवा जोन को सूरत शहर का सबसे पॉश इलाका माना जाता है। अधिकांश व्यापारी वर्ग और शिक्षित लोग इसी क्षेत्र में रहते हैं। इसके बाद भी सायंस सेन्टर के आस पास के इलाके में बिना मास्क के इधर-उधर बेखौफ घूमते नजर आ रहे हैं। उनमें से 60 प्रतिशत लोगों ने मास्क नहीं पहना था। जबकि 20 प्रतिशत लोगों ने ठीक से मास्क नहीं पहना था। अधिकांश पॉश इलाकों में इस तरह की लापरवाही प्रशासन के लिए भी बड़ी चुनौती है।
पीपलोद इलाके में भी ऐसा ही नजारा देखने को मिला। वहां तो फूड स्टॉल पर भी लोगों की भारी भीड़ में खड़े नजर आए। हाई रिस्क बैनर के आसपास लोग एसओपी का पूरी तरह से उल्लंघन करते पाए गए। पिपलोद क्षेत्र के अंदर पुल के नीचे सौंदर्यीकरण किया गया है। युवा वहां जमा होते हैं। एक तरह से यह शहर सेल्फी प्वाइंट बनता नजर आ रहा है।
अठवा जोन में छोटे-बड़े विवाह समारोह अग्रसेन भवन, माहेश्वरी भवन व अन्य हॉल के आसपास होते हैं। बड़ी संख्या में खाद्य लारी भी लगे होते हैं। लॉरियों पर भी  लोग बिना काम के ही मिल जाते हैं। इतना ही नहीं खाने के लारी पर करीब दस से बारह लोग हमेशा एक साथ खड़े नजर आते हैं। ऐसा ही हाल एसवीएनआईटी इलाके के आसपास देखने को मिला है। उच्च जोखिम के बावजूद लोगों की लापरवाही के कारण आज भी आठवा जोन संक्रमित मामलों की संख्या में अन्य जोन की तुलना में पहले स्थान पर है।
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