सूरत : प्रशासक व जीपीसीपी के अधिकारीयों ने सचिन जीआईडीसी को डंपिंग हब बना दिया : मयूर गोलवाला

सूरत : प्रशासक व  जीपीसीपी के अधिकारीयों ने सचिन जीआईडीसी को डंपिंग हब बना दिया : मयूर गोलवाला

केमिकल टैंकर डंपिंग करने की कीमत 1 से लेकर 25 लाख रुपये तक, जीआईडीसी के पूर्व सचिव मयूर गोलवाला ने तंत्र पर गंभीर आरोप लगाए

अधिकारियों की रहम नजर से सचिन जीआईडीसी में अवैध रुप से फेंका जा रहा हैं जहरीला रसायन: मयूर गोलवाला
सूरत सचिन जीआईडीसी में अवैध रुप से जहरीले तरल रसायन के निकाल के कारण  6 निर्दोष लोगों की मौत और 23 की हालत गंभीर हो गई है। समय समय पर इस क्षेत्र में अवैध रूप से केमिकल द्वारा टेन्कर खाडीओं में अवैध रूप से बहाया जाता है जिससे  ऐसा प्रतीत होता है कि यह क्षेत्र रासायनिक डंपिंग स्टेशन बन गया है।इसके लिए सचिन जीआईडीसी के प्रशासक जिम्मेदार है। सचिन जीआईडीसी के पूर्व सचिव मयूर गोलवाला ने  कई बार जीआईडीसी में रसायनों को डंप नहीं करने का अनुरोध किया है। भ्रष्ट और निंदनीय अधिकारियों ने इस तरह की घटनाओं को अंजाम देने में पर्दे के पीछे की भूमिका निभाई ने का आरोप गोलवाला ने लगाया  साथ ही एक टैंकर जरहीला केमिकल खाडीयों में खाली करने के लिए 1 से 25 लाख रुपये तक की कीमत वसूली जाती है। सचिन जीआईडीसी के पूर्व सचिव मयूर गोलवाला ने कहा कि सचिन जीआईडीसी मानों कोई खुला खेते हो जिसमें कोई भी आ-जा सकता है। यहां किसी भी तरह की सुरक्षा नजर नहीं आती।आज से तीन साल पहले ढाई करोड़ रुपए की लागत से सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। जिसके जरिए पूरे जीआईडीसी पर नजर रखी जा सकती है। लेकिन पिछले दो साल से सामान्य खर्च के लिए बंद स्थिति में है।  अवैध रूप से रात के अंधेरे में जहरीला केमिकल खाली करा रहे हैं और जीआईडीसी सड़कों और सुरक्षा से छेड़छाड़ कर रहा है।करोड़ों रुपये खर्च करने के बाद भी अगर सचिन जीआईडीसी सुरक्षित नहीं है तो इसके लिए कौन जिम्मेदार है। 
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