सूरत : कपड़ा उद्योग पर जीएसटी दर 5 से बढ़ाकर 12 प्रतिशत करने के फैसले के खिलाफ कलेक्टर से पेशकश

जीएसटी दरों को यथावत रखने की मांग की थी

कपड़ा उद्योग में जीएसटी की दर 5 फीसदी से बढ़ाकर 12 फीसदी करने की चर्चा तल रही है। जिसको लेकर एक तरफ कपड़ा व्यापारी इसका विरोध कर रहे हैं, वहीं अब राजनीतिक दल इसका विरोध कर रहे हैं। सूरत में आप की ओर से कलेक्टर को आवेदन पत्र दिया गया। जिसमें जीएसटी दर को 5 प्रतिशत यथावत रखने का प्रस्ताव किया गया था। समाहरणालय ने विभिन्न नारों और बैनरों के साथ विरोध भी दर्ज कराया।
सूरत का कपड़ा उद्योग बहुत बड़ा है। यहां कई लोगों को रोजगार मिलता है। टेक्सटाइल पर जीएसटी बढ़ने का सीधा असर उपभोक्ताओं पर पड़ेगा और इससे आम आदमी और मध्यम वर्ग के लिए टेक्सटाइल और महंगा हो जाएगा। दूसरी तरफ प्रॉडक्शन बिल प्रोसेसिंग में अब जीएसटी का विरोध कर रहा है। सूरत की डाइंग और प्रोसेसिंग  मिलों के संक्रमण के अनिश्चित माहौल के कारण इसका उत्पादन पर सीधा असर पड़ रहा है। इस वजह से कई लोगों की नौकरी चली गई है। जीएसटी को लेकर व्यापारी लंबे समय से केंद्र सरकार को ज्ञापन दे रहे हैं।
आप उपाध्यक्ष रमेशभाई परमार ने कहा कि एक तरफ जहां लोग कोरोना महामारी से परेशान हैं, वहीं दूसरी ओर, राजनीतिक खजाने को भरने के लिए कपड़ा उद्योग पर जीएसटी की दर 5 प्रतिशत से बढ़ाकर 12 प्रतिशत कर दी गई है। जिसका हम विरोध करते हैं। इसके अलावा अगर जीएसटी दर को समान नहीं रखा गया तो निकट भविष्य में आप भी आंदोलन शुरू करेगी।
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