सूरत : भिखारी का वेश धारण कर मोबाइल और लैपटॉप चुराने वाली आंतरराज्य गैंग के दो युवकों को पुलिस ने हिरासत में लिया

सूरत : भिखारी का वेश धारण कर मोबाइल और लैपटॉप चुराने वाली आंतरराज्य गैंग के दो युवकों को पुलिस ने हिरासत में लिया

पकड़े जाने पर मुंह में से झाग निकाल कर अजीबोगरीब हरकत कर जीत लेते थे लोगो का विश्वास

सूरत शहर पुलिस द्वारा मोबाइल चोरी करने वाले आंतरराज्य गैंग के दो युवकों को हिरासत में लिया गया है। दोनों युवक के पास से पुलिस ने लाखों की कीमत के मोबाइल फोन और लैपटॉप जप्त किए थे। दोनों युवक चोरी के सारे सामान के साथ भागने की फिराक में थे की पूणा एसओजी ने दोनों को हिरासत में लिया था। हालांकि दोनों की मोडस ओपरेंडी सुनकर पुलिस भी चौंक उठी थी। दोनों युवक चोरी करने के लिए सुबह भिखारी और अपंग होने का नाटक करते थे। इसके बाद खुले घर में से मोबाइल और पाकिट की चोरी करते थे। 
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, पूणा, सरथाणा, कड़ोदरा, नवसारी, बिलिमोरा सहित के इलाकों में पिछले कई समय से मोबाइल चोरी की घटना सामने आ रही थी। इस दौरान एसओजी ग्रुप को जानकारी मिली की मोबाइल चोरी करने वाले ग्रुप के युवक तमिलनाडु के वापिस जा रहे है। इसी जानकारी के आधार पर पुलिस ने पूणा परवट पाटिया अमेजिया वॉटर पार्क के पास वॉच राखी थी। जहां से उन्होंने मंथन मुनिलाल वढ़ी और रविचंद्रन गोविंदन वढ़ी को हिरासत में लिया था। दोनों के हाथ में चोरी का माल भरा हुआ थैला था और वह सूरत के बाहर जाने का प्रयास कर रहे थे। 
पुलिस ने दोनों के पास से 51 मोबाइल, लैपटॉप, सोने की रिंग और कैश मिलाकर तकरीबन सात लाख का मुद्दमाल जप्त किया था। दोनों ने पूछताछ के दौरान बताया की मंथन और रविचंद्रन दोनों अपंग और भिखारी होने का ढोंग करते थे। इनमें से मंथन बाहर खड़ा रहता था और रविचंद्रन अंदर जाकर मोबाइल ले आता था। इस दौरान यदि कोई उन्हें पकड़ लेता तो अजीबोगरीब व्यवहार कर के वह उन्हें मना लेते थे और माफी मांग कर भाग जाते थे। पुलिस ने बताया की दोनों ने जामनगर के पोरबंदर सहित कई इलाकों में चोरी की घटनाओं को अंजाम दिया था और तीन महीने पहले ही सूरत आए थे। इस दौरान दोनों सूरत के कड़ोदरा इलाके में रहते थे और पूरे दिन इसी तरह चोरी करते थे। 
पूछताछ में पता चला की चार साल पहले भी रविचंद्रन पकड़ाया गया था, हालांकि इस दौरान भी उसने भिखारी बनाने का ढोंग कर लोगों को मना लिया था। इसके अलावा उस समय उसकी उम्र भी मात्र 17 साल की थी, इसके चलते लोगों ने उसे मानवता के धोरण पर जाने दिया था। एसओजी के अनुसार, मंथन और रविचंद्रन दिवाली के कुछ समय पहले ही सूरत आए थे और दिवाली के त्यौहार के बाद ही दोनों ने चालीस से अधिक चोरी की थी।

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