सूरत : 8000 से अधिक बैंक कर्मचारी हड़ताल में शामिल, 700 करोड़ रुपये से अधिक की क्लीयरिंग ठप्प

सूरत : 8000 से अधिक बैंक कर्मचारी हड़ताल में शामिल, 700 करोड़ रुपये से अधिक की क्लीयरिंग ठप्प

सूरत में राष्ट्रीयकृत बैंकों की 350 शाखाओं में सभी कामकाज बंद

संसद के शीतकालीन सत्र में निजीकरण विधेयक पेश नहीं करने की गारंटी ट्रेड यूनियनों को नहीं दिए जाने के बाद राष्ट्रीयकृत बैंकों के अधिकारी और कर्मचारी हड़ताल पर उतर गए।  राष्ट्रीयकृत बैंकों की 350 शाखाओं के कर्मचारी  सांकेतिक हड़ताल में शामिल हुए। बैंक खाताधारकों को असुविधा न हो इसके लिए गुरुवार और शुक्रवार को सांकेतिक हड़ताल का आह्वान किया गया था। हालांकि बैंक कर्मचारियों की हड़ताल के कारण सूरत के व्यापार और उद्योग का  700-750 करोड़ का क्लीयरिंग बाधित हुआ है। सूत्रों ने कहा कि सूरत की दैनिक क्लीयरिंग 700 करोड़ रुपये से 1,200 करोड़ रुपये के बीच है।
पुलिस से अनुमति नहीं मिलने पर बैंक कर्मचारियों ने बीओबी परिसर में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन और नारेबाजी की और नारेबाजी की। इस दौरान 400 से अधिक कर्मचारी अधिकारी शामिल हुए। राष्ट्रीयकृत बैंकों के 8000 से अधिक कर्मचारियों की सांकेतिक हड़ताल के कारण दैनिक क्लीयरिंग नहीं हो सका। लेकिन कुछ निजी और सहकारी बैंक शुरू रहने के कारण कुछ क्लीयरिंग हुआ था। हालांकि इस क्लीयरिंग 5 फीसदी होने का अनुमान है।
1969 से पहले कृषि ऋण बैंक ऋण का लगभग आधा प्रतिशत था। अभी यह 6 प्रतिशत है। प्रायोरिटी सेक्टर के लिए अब एडवान्स 15 प्रतिशत अनिवार्य है। लेकिन यह नियम निजी बैंकों पर लागू नहीं होता है। सरकार के प्रमुख बुनियादी ढांचा ऋण राष्ट्रीयकृत बैंकों से हैं। साल 2014 के बाद बैंकों के फंसे कर्ज का प्रावधान 12.38 लाख करोड़ किया गया है। पिछले तीन महीने में बैंकों को 50,000 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ है, जिसमें से 33,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है।
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