
सूरत : मेट्रो प्रोजेक्ट के तहत टावर रोड पर डिमोलीशन से लोगों में रोष, 'विकास के नाम पर हम सड़क पर आ गए'
By Loktej
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44 परिवारों ने वैकल्पिक आवास सहित मांग के साथ कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा
सूरत में मेट्रो प्रोजेक्ट पर बहुत ही तेजी से काम शुरू कर दिया गया है। विभिन्न क्षेत्रों में मेट्रो परियोजनाओं के शुरू होने को लेकर भी कई सवाल उठ रहे हैं। कुछ इलाकों में डिमोलीशन, कुछ इलाकों में यातायात और कुछ इलाकों में परियोजना स्थल पर सुरक्षा को भी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। लगभग 44 जितने परिवार टावर रोड, मोची चाल में वर्षों से अपने परिवार के साथ रह रहे हैं। रिहायशी घर और दुकान होने के कारण वह अलग-अलग काम, व्यवसाय, मजदूरी, व्यापार कर अपने परिवार का भरण-पोषण कर रहे थे। इस क्षेत्र में डिमोलीशन होने से लोगों में रोष व्याप्त है।
मेट्रो रेल परियोजना के नाम पर प्रशासन ने रातों-रात तोड़फोड़ (डिमोलीशन) कर परिवारों को सड़कों पर रखड़ने को मजबूर कर दिया है। पुलिस बल का प्रयोग करते हुए हमारी आपत्तियों के बावजूद रातोंरात डिमोलीशन कर लगभग 44 परिवारों को सड़क पर ला दिया। यद्यपि कोई वैकल्पिक आवास आवंटित नहीं किया गया है और पूरी आबादी कई वर्षों से इस क्षेत्र में रह रही है, बिना किसी वैकल्पिक व्यवस्था या सरकारी मानदंडों के आवास आवंटन किये बिना जबरन डिमोलीशन कर दिया गया है, हमारे सभी 44 परिवार अपने सामान के साथ सड़कों पर घूम रहे हैं। हम सभी सामान, बाल-बच्चों के साथ फुटपाथ पर आ गए हैं।
इंदिराबेन पांचाल ने कहा कि"हमारी संपत्ति लेने के बाद भी, हमें मानवीय आधार पर कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं दी गई है।" जिससे अब हमारी रोजी-रोटी भी मुश्किल हो गई है। कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं होने पर हम आत्महत्या करने को भी तैयार हैं। प्रशासन अगर बहुत विकास करना चाहता है तो अंत में हमारे उपर बुलडोजर चढ़ा दें। कारण कि विकास करने के लिए तत्पर हुए प्रशासनिक अधिकारियों ने हमें सड़कों पर ला दिया है।
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