सूरत : इच्छापुर-भाटपुर के सफाईकर्मियों को स्थायी करने सहित की मांग को लेकर मोर्चा निकाला

सूरत :  इच्छापुर-भाटपुर के सफाईकर्मियों को स्थायी करने सहित की मांग को लेकर मोर्चा निकाला

सफाई कर्मचारियों के 85 दिन के ठेके पर काम लिया जा रहा है

शहर के इच्छापुर और भाटपुर इलाकों में करीब 50 से 60 चौकीदार सालों से काम कर रहे हैं और अभी तक स्थायी नहीं हुए हैं। स्वीपरों को 85 दिन के ठेके पर रखा जा रहा है। सफाईकर्मियों को स्थायी करने को लेकर नगर आयुक्त और स्थायी समिति के अध्यक्ष को ज्ञापन दिया गया है।  हालांकि सफाईकर्मी सालों से काम कर रहे हैं, लेकिन सवाल यह है कि उन्हें अब तक स्थायी क्यों नहीं किया गया। केंद्र सरकार के स्वच्छता अभियान में जिस तरह सूरत शहर अग्रणी स्थान हासिल कर रहा है। इसका श्रेय सफाई कर्मियों को जाता है।
गभेणी चौकड़ी के पास रोजाना जाम की समस्या विकराल होती जा रही है। यह स्थानीय ग्रामीणों के लिए अपने रिश्तेदारों को खोने का समय है जो अक्सर दुर्घटनाओं के शिकार होते हैं क्योंकि वे उच्च मार्ग का उपयोग करते हैं। आजादी के समय गभेणी गांव की दो किलोमीटर लंबी सड़क आज तक नहीं बन पाई है। सड़क जर्जर हो चुकी है और स्थानीय वाहन चालक इसका इस्तेमाल नहीं कर सकते। समस्या बढ़ती जा रही है क्योंकि गभेणी और तलंगपुर सहित गांवों के लोग इस सड़क का उपयोग नहीं कर रहे हैं।
गभेणी गांव के स्थानीय निवासी उमेश पटेल ने कहा कि जो लोग शहर की सफाई में सबसे ज्यादा योगदान दे रहे हैं।  ऐसे सफाईकर्मियों के साथ अन्याय हो रहा है। हालांकि वे सालों से ईमानदारी से काम कर रहे हैं, लेकिन अभी तक उन्हें स्थाई नहीं किया गया है। उनका केवल अनुबंध के आधार पर शोषण किया जा रहा है। हमारे गांव में दो किलोमीटर तक की सड़क आज भी बदहाल है। यदि इस सड़क का निर्माण तत्काल प्रभाव से किया जाता है तो गभेणी चौकड़ी के पास प्रतिदिन एक से दो किलोमीटर का जाम लग जाता है। अगर गांव की सड़क उपयुक्त होगी तो हजारों स्थानीय लोग इसका इस्तेमाल करेंगे। नगर आयुक्त अविलंब मामले को संज्ञान में लेकर हमारी मांग को शीघ्र पूरा कर स्थानीय लोगों को राहत पहुंचाने का काम शुरू करें। 
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