अनोखी पहल : कोरोना में साथी गंवाने वाले बुर्जुंगों के लिए होगा जीवसाथी मेला

अगले 19 दिसंबर को दादा-दादी जीवनसाथी चयन मेला नाना वराछा में होगा

सूरत में एकांत जीवन जीने वाले बुर्जुंगों के जीवन में से अकेलापन को दूर करने के लिए सूरत में नि:शुल्क जीवनसाथी परिचय मेला का आयोजन किया गया है। अगले 19 दिसंबर को दादा-दादी जीवनसाथी मेला नाना वराछा सूरत में होगा। भूतकाल में साल 2009 और 2018 में दादा-दादी जीवनसाथी चयन मेला सफल होने पर तीसरी बार मेला का आयोजन किया गया है। कोरोना के कारण शहर में कई लोगों की मौत हुई, जिसमें ज्यादातर बुर्जुंग थे। पति-पत्नी में से एक जीवनसाथी  की मौत होने से दूसरे जीवनसाथी  के जीवन में अकेलापन आ जाता है। व्यस्त जीवन में संतान माता-पिता को समय नहीं दे पाते है। ढलती उम्र में कई बीमारी से पीडि़त होते है। उनकी देखभाल का संतानों के पास समय नहीं होता है।
जिससे नि:शुल्क अनुबंध सेवा संस्था द्वारा भारत में 63 संमेलनों के बाद सूरत में फिर से ढलती उम्र में अकेलापन दूर करने के लिए दादा-दादी जीवनसाथी संमेलन का आयोजन किया गया है। एकदूजे को प्यार, जीवन में खलने वाला अकेलापन को दूर करने के लिए अगले 19 दिसंबर रविवार को सुबह नौ बजे नाना वराछा चीकुवाडी में सूर्यकिरण सोसायटी में धर्म जाति का भेद बिना संमेलन का आयोजन किया गया है। संस्था के प्रमुख नटूभाई पटेल ने बताया कि परिवार में माता-पिता का ख्याल रखने का और बात करने का संतानों के पास समय नहीं है।  इस संमेलन में 51 से 75 साल के बुर्जुंग हिस्सा ले सकेंगे।
कानूनी कार्यवाही पूरी करने के बाद ही की जाती है शादी
बुर्जुंगों की शादी करने के बाद कई प्रकार की समस्या पैदा होती है। पति की संपत्ति में हिस्सेदारी और उनकी मौत के बाद आजीवन सुरक्षा के लिए वसियत सहित पूरी कानूनी कार्यवाही शादी पहले की जाती है। भूतकाल में ऐसी घटनाएं घटी है। जिसके कारण बुर्जुंगों की शादी करने से पहले सभी प्रकार की कार्यवाही किए जाने के बाद ही शादी की जाती है। जिससे शादी के बाद पति-पत्नी दोनों में से किसी को भी कानूनी समस्या का सामना नहीं करना पड़े।
पुर्न: विवाह करने से पहले पति की आय को ध्यान में रखा जाता है
कई बार कम आय वाले लोग भी पुर्न: विवाह के लिए आवेदन करते है, लेकिन कम आय वालों का संस्था पुर्न: विवाह नहीं करवाती है। क्योंकि भविष्य में दोनों के उदरनिर्वाह की समस्या पैदा होती है। जिससे मासिक 25 हजार से ज्यादा आय वाले और रहने के लिए स्वतंत्र संपत्ति वाले बुर्जंुगों के आवेदनों को स्वीकारा जाता है। जिससे बुर्जुंगों की शादी करने से पहले छोटी-छोटी बातों को ध्यान में रखा जाता है।

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