पीजी में प्रवेश के मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन, सूरत में सिविल, स्मीमेर के रेजिडेंट डॉक्टर हड़ताल पर

पीजी में प्रवेश के मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन, सूरत में सिविल, स्मीमेर के रेजिडेंट डॉक्टर हड़ताल पर

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सुप्रीम कोर्ट में आरक्षण के मुद्दे पर चल रही सुनवाई के चलते भारत के मेडिकल कॉलेजों में प्रथम वर्ष की पोस्ट ग्रेज्युएट प्रवेश प्रक्रिया शुरू नहीं हो पाई है। सरकार की ओर से आवंटित समय के भीतर कोई फैसला नहीं होने के कारण सूरत के नई सिविल और स्मीमेर अस्पताल समेत राज्य के छह शहरों के रेजिडेंट डॉक्टर आज से हड़ताल पर उतरे हैं। अस्पताल इमरजेंसी, कोविड-19 और आईसीयू विभागों में रेजिडेंट डॉक्टरों का इलाज करेगा। इसके अलावा किसी भी विभाग में डॉक्टर ड्यूटी पर नहीं होंगे।
भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया से नई सिविल के जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन की मुलाकात के बाद हड़ताल वापस ले ली गई, लेकिन 4-5 दिन के आश्वासन के बाद सूरत के सरकारी मेडिकल कॉलेज सहित देश में पीजी प्रथम वर्ष के प्रवेश की प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है। मेडिकल कॉलेजों में नीट-पीजी काउंसलिंग प्रक्रिया जल्द शुरू करने की मांग को लेकर जूनियर डॉक्टर्स संगठनों ने हड़ताल पर जाने का फैसला किया है।
आज यानि मंगलवार से रेजिडेंट डॉक्टर ओपीडी और वार्ड में काम नहीं करेंगे। जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन ने सोमवार को सिविल के डीन डॉ. ऋतंबरा महेता को आवेदन देकर हड़ताल पर जाने की जानकारी दी थी। डॉ. ऋतंबरा महेता  ने कहा कि यह मामला पूरे देश में चल रहा है। जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन राष्ट्रीय स्तर पर हड़ताल पर है। जब तक राज्य सरकार मेडिकल कॉलेजों में गैर-पीजी पाठ्यक्रमों में प्रवेश की प्रक्रिया शुरू नहीं करती है, तब तक वह जूनियर डॉक्टरों की भर्ती करके दूसरे और तीसरे वर्ष के डॉक्टरों की मदद करने पर सहमत हो गई है।
सूरत मेडिकल कॉलेज से फाइल तैयार करने के बाद गांधीनगर मेडिकल एज्युकेशन में एडिशनल डायरेक्टर डॉ. राघवेंद्र दीक्षित से बात की। उन्होंने कहा कि फाइल शीर्ष स्तर के अधिकारियों तक पहुंच गई है। सरकार जल्द फैसला लेगी लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं निकला है। प्रदेश के छह शहरों के रेजिडेंट डॉक्टरों ने आज से हड़ताल पर जाने का फैसला किया है।

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