सूरत में बैंक कर्मचारी 7 दिसंबर को निजीकरण के खिलाफ धरना देंगे

सूरत में बैंक कर्मचारी 7 दिसंबर को निजीकरण के खिलाफ धरना देंगे

29 नवंबर से 7 दिसंबर तक अलग-अलग शहरों में प्रदर्शन होंगे

केंद्र सरकार संसद के शीतकालीन सत्र में सरकारी बैंकों के निजीकरण के लिए विधेयक पेश करने की तैयारी में है, ऐसे में बैंक कर्मचारी 29 नवंबर से 7 दिसंबर तक राज्य के विभिन्न शहरों में निजीकरण के विरोध में प्रदर्शन करेंगे। जिसके तहत 7 दिसंबर को सूरत में धरना प्रदर्शन किया जाएगा।
गुजरात बैंक वर्कर्स यूनियन के संगठन  मंत्री वसंत बारोट ने कहा कि सरकार ने बजट में दो बैंकों और बीमा कंपनियों का निजीकरण करने का फैसला किया है। बैंकों के निजीकरण के लिए संविधान में संशोधन की जरूरत है। केंद्र सरकार शीतकालीन सत्र में बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट और बैंकिंग कंपनियों में संशोधन करने जा रही है। बैंक से कर्ज लेने के बाद नहीं चुकाने वाले बड़े औद्योगिक घरानों को कर्ज की रकम चुकाने में सरकार राहत दे रही है। ऐसे में निजीकरण से बैंक के कारोबार औद्योगिक घरानों को सौंपने से देश में भारी आर्थिक संकट पैदा होगा। 
सरकार ने 1991 से निजी बैंकों को लाइसेंस देना शुरू किया लेकिन अधिकांश बैंकों का अस्तित्व खत्म हो गया। इसलिए भारत के राष्ट्रीयकृत बैंकों को मुश्किलों को सहन करने का समय आया है। दूसरी ओर साल में करीबन 1 लाख भर्तियां होती है, वह भी बंद हो जाएगी। जिससे बेरोजगारी बढ़ेगी और आरक्षण प्रथा भी खत्म हो जाएगी। जिससे बैंक कर्मचारी 29 नवंबर से 4 दिसंबर तक राज्य के अलग-अलग शहरों में सरकार के निजीकरण के फैसले का विरोध करेंगे। जिसके तहत बैंक कर्मचारी 7 दिसंबर को सूरत में धरना प्रदर्शन करेंगे।
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