सूरत : जिले के छह प्राथमिक विद्यालयों के बच्चे दो साल से खुले में पढ़ने को मजबूर

सूरत : जिले के छह प्राथमिक विद्यालयों के बच्चे दो साल से खुले में पढ़ने को मजबूर

सरकार के पास उत्सव के लिए पैसा है, लेकिन जीर्ण-शीर्ण स्कूल के कमरे बनाने के लिए नहीं, जिले के जर्जरित स्कूल तत्काल मरम्मत करने की मुख्यमंत्री और शिक्षामंत्री से मांग की गयी

दर्शन नायक का प्रहार मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और शिक्षा मंत्री जीतू वाघाणी जवाब दे
एक तरफ सरकार "बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ" और " पढे़गा गुजरात , बढ़ेगा गुजरात" लेकिन आज गुजरात में लोग सरकार से पूछ रहे हैं कि स्कूलों की ऐसी परिस्थिति में गुजरात कहां और कैसे पढ़ेगा। सूरत जिला पंचायत में विपक्ष के पूर्व नेता और पूर्व जिला कांग्रेस अध्यक्ष दर्शन नाइक ने जिला पंचायत व्यवस्था और भाजपा शासकों के साथ-साथ सरकार पर भी निशाना साधा। आगे कहा कि सूरत जिला पंचायत ने जर्जर विद्यालयों की सूचना देकर एवं भवन को गैर उपयोगी घोषित कर6 गांवों के प्राथमिक विद्यालयों को ध्वस्त कर दिया है। लेकिन दुर्भाग्य की बात यह है कि नए कमरे नहीं बने और सैकड़ों दिनों से खुले में बैठकर इस देश के भविष्य को सिखाया जा रहा है। 
 दर्शन नाईक ने आरोप लगाया है कि गुजरात में शिक्षा की स्थिति दिन-ब-दिन बिगड़ती जा रही है। एक तरफ सरकार गुजरात में बच्चों को शिक्षित करने की बात कर रही है। मॉडल स्कूल बनाने के लिए गुजरात के नागरिकों को दिन में सपने दिखाए जा रहे है। दूसरी ओर, वे कुछ गांवों में स्कूलों को बंद करने और अन्य गांवों के स्कूलों में विलय करने की बात कर रहे हैं। अब सरकार के इस फैसले के बीच एक सवाल उठाया जा रहा है कि क्या सरकार वाकई देश के भावी नागरिकों को सिखाना चाहती है या फिर भाषणों में सिर्फ अध्यापन की बातें करना चाहती है।  दर्शन नायक ने सरकार और व्यवस्था की आलोचना करते हुए कहा कि सूरत जिले के पलसाना तालुका में गंगपुर प्राइमरी स्कूल , हरिपुरा गांव का प्राथमिक विद्यालय, चौर्यासी तालुका का कपलाथा प्राथमिक विद्यालय, भरथाना कोसाड गांव का प्राथमिक विद्यालय,  कामराज तालुका के कोसमडा गांव में कोसमडा प्राइमरी स्कूल, ओलपाड तालुका के कुवाड़ गांव में प्राथमिक विद्यालय उमरपाड़ा तालुका के उमरखड़ी गांव के प्राथमिक विद्यालय भवन का निर्माण कार्य जीर्ण-शीर्ण हो रहा था। इन स्कूलों को संबंधित विभाग द्वारा वर्ष 2020 से गैर-उपयोग में रखा गया था। कोरोना के समय में स्कूल बंद थे, अब प्राइमरी स्कूल खुले हैं। मुख्यमंत्री भुपेन्द्र पटेल और शिक्षा मंत्री जीतुभाई वाघाणी जल्द से जल्द जर्जरित स्कूलों की मरम्मत कराए और देश के भविष्य को अच्छे कमरे में पढाई की व्यवस्था करे। 
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