सूरत : माँ तापी को समर्पित 108 मीटर चुनर और सवा लाख दीपों से आरती, जीण संघ ने रचा भक्ति और सेवा का नया इतिहास

तापी प्राकट्य महोत्सव पर हजारों भक्तों की उपस्थिति, नदी संरक्षण और बेटी बचाओ जैसे संकल्पों के साथ भव्य आयोजन संपन्न

सूरत : माँ तापी को समर्पित 108 मीटर चुनर और सवा लाख दीपों से आरती, जीण संघ ने रचा भक्ति और सेवा का नया इतिहास

श्री अखिल भारतीय जीण माता सेवा संघ द्वारा प्रति वर्ष की तरह इस बार भी तापी प्राकट्य महोत्सव को श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया गया। आयोजन की मुख्य आकर्षण रही – माँ तापी को 108 मीटर लंबी चुनर और सवा लाख दीपों से की गई भव्य आरती, जिसने भक्तों को भावविभोर कर दिया।

कार्यक्रम संयोजक आशु गर्ग ने बताया कि आयोजन को विशेष बनाने के लिए जीण संघ और तापी कुबेरेश्वर महादेव सेवा चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा तापी घाट को सौ ध्वजों से सजाया गया। इनमें प्रथम चार गगनचुंबी ध्वज संदीप देसाई, कुंज बिहारी सुलतानिया, कल्पेश रावल और दीपक भगत ने आरोहित किए।

धार्मिक अनुष्ठानों की श्रृंखला में धर्मेश वाणियावाला, संजय मित्तल और दीपक बंका ने माँ तापी का गाय के दूध से महाअभिषेक कर, श्रीफल, कुमकुम, चावल, अष्टगंध से पूजन किया और पंचमेवे का महाभोग अर्पित किया।

कविता सुलतानिया और नेहा बजाज ने भक्त समुदाय के सहयोग से भव्य 108 मीटर चुनर और सुहाग पिटारी माँ तापी को ससम्मान अर्पित की। कार्यक्रम के दौरान 5 फीट लंबी अगरबत्तियों से सम्पूर्ण घाट सुगंधित और आध्यात्मिक वातावरण से महक उठा।

फ़ोस्टा अध्यक्ष कैलाश हाकिम ने तापी स्वरूपा एक बालिका को गोद में लेकर "Happy Birthday to Tapi Maiya" की धुन पर केक काटा, जो आयोजन का एक भावनात्मक क्षण रहा। इस बार विशेष यह रहा कि जीण संघ द्वारा रचित माँ तापी की आरती भी सामूहिक रूप से प्रस्तुत की गई, जिसे भक्तों ने भावभीनी श्रद्धा के साथ गाया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “एक पेड़ माँ के नाम” अभियान के तहत निरंजन चौधरी के नेतृत्व में K-7 किड्स गुरुकुल के विद्यार्थियों द्वारा 11 औषधीय, छायादार और फलदार पौधे लगाए गए। स्लम समिति के चेयरमैन विजय चोमाल ने “तापी शुद्धिकरण” और “बेटी बचेगी तो सृष्टि रचेगी” का संकल्प दिलवाया।

“तापी के स्वांग में आओ और इनाम पाओ” प्रतियोगिता में प्रतिभागी कन्याओं को रिंकेश बजाज द्वारा पुरस्कार दिए गए। अंत में नारायण साबू द्वारा श्रद्धालुओं को प्रसाद पैकेट वितरित किए गए।

आयोजन को सफल बनाने में छगन मेवाड़ा, मनीष शारदा, मोहित काबरा, पंकज चौधरी, गोविंद जिंदल, अभिषेक अग्रवाल, रघु खंडेलवाल, हेमंत भोगर, कपिल शारदा, विकास तापड़िया, नमन खंडेलवाल समेत जीण संघ के सैकड़ों सेवाभावी कार्यकर्ताओं का उल्लेखनीय सहयोग रहा। यह आयोजन केवल धार्मिक नहीं, बल्कि सामाजिक जागरूकता, पर्यावरण संरक्षण और जन सहभागिता का भी सशक्त उदाहरण बन गया।

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