सूरत : महिलाएं राष्ट्र निर्माण की सशक्त धुरी हैं: राज्यपाल आचार्य देवव्रत
चैंबर ऑफ कॉमर्स द्वारा 'महिला उद्यमी एवं सामुदायिक नेता' विषय पर प्रेरणासत्र का आयोजन, राज्यपाल ने दी प्रेरक सीख
सूरत। दक्षिण गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (एसजीसीसीआई) द्वारा शुक्रवार को प्लेटिनम हॉल में आयोजित एक विशेष प्रेरणात्मक सत्र में गुजरात के महामहिम राज्यपाल श्री आचार्य देवव्रतजी ने कहा कि महिलाएं पुरुषों से अधिक सहनशील, दयालु, मेहनती, निस्वार्थ और विवेकशील होती हैं।
उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि गुजरात के 35 विश्वविद्यालयों में दीक्षांत समारोहों के दौरान 80% स्वर्ण पदक विजेता छात्राएं हैं, जो इस बात का प्रमाण है कि महिलाएं शिक्षा और नेतृत्व दोनों में अग्रणी हैं।
यह सत्र ‘महिला उद्यमी एवं सामुदायिक नेता’ विषय पर केंद्रित था, जिसमें राज्यपाल ने समाज और व्यवसाय जगत में महिलाओं की भूमिका पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा, "महिलाएं जिस भी क्षेत्र में प्रवेश करती हैं, वहां केवल खुद का ही नहीं, बल्कि कई अन्य लोगों का जीवन भी संवारती हैं। वे रोजगार सृजन के माध्यम से समाज और राष्ट्र की प्रगति में योगदान देती हैं।"
राज्यपाल ने यह भी कहा कि भारत की समृद्धि का आधार उसकी सांस्कृतिक जड़ें हैं, और महिलाओं को आधुनिकता के साथ-साथ अपनी भारतीय संस्कृति और मूल्यों को भी संजोकर रखना चाहिए। उन्होंने यह भी याद दिलाया कि भारत कभी ‘सोने की चिड़िया’ था, जिसका कारण गांवों में चलने वाले कुटीर उद्योग और महिला-पुरुष की सहभागिता थी।
चैंबर के अध्यक्ष निखिल मद्रासी ने कहा, “महिला नेतृत्व केवल सामाजिक ही नहीं, बल्कि आर्थिक और राष्ट्रीय विकास का भी आधार है। महिलाएं आज उद्यमिता, सामाजिक बदलाव और नेतृत्व के हर क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभा रही हैं।”
चैंबर के उपाध्यक्ष अशोक जीरावाला ने सभी अतिथियों और प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया। मानद मंत्री श्री बिजल जरीवाला ने कार्यक्रम का संचालन किया।
सत्र की सफलता में पूर्व अध्यक्ष विजय मेवावाला, मानद कोषाध्यक्ष सीए मितेश मोदी, महिला विंग अध्यक्ष श्रीमती मयूरीबेन मेवावाला और चैंबर की टीम का विशेष योगदान रहा।
राज्यपाल ने अंत में यह संदेश दिया कि "सच्ची सफलता तब होती है जब हम सामूहिक प्रगति को प्राथमिकता दें।" चैंबर द्वारा आयोजित यह सत्र न केवल महिलाओं के लिए, बल्कि समूचे समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत बना।